#10 सालों में कितने लोगों को रेलवे में मिली नौकरी? केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब; आगे का भी बताया प्लान#

पिछले कुछ सालों से रेलवे में नौकरियों को लेकर काफी चर्चा रही है। इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दस वर्षों में 5 लाख लोगों की भर्ती की गई है और 1 लाख अन्य की भर्ती चल रही है। 

रेल मंत्री ने इसके साथ विपक्ष पर रेलवे में भर्ती के संबंध में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सहित सभी डेटा सुरक्षित हैं और एक उच्च स्तरीय समिति घटना की जांच कर रही है। 

10 साल में पांच लाख लोगों को नौकरियां

राज्यसभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए वैष्णव ने उच्च सदन को बताया कि रेलवे के कुल 12 लाख से अधिक कर्मचारियों में से 40 प्रतिशत की भर्ती पिछले दस वर्षों में की गई है। रेल मंत्री ने कहा कि कई सदस्यों ने कहा है कि कोई भर्ती नहीं हुई है। कोई ऐसा कैसे कह सकता है? मैं समझ नहीं पा रहा हूं। कोई सदस्य सदन में ऐसे भ्रामक तथ्य कैसे बता सकता है जो सच्चाई से बहुत दूर हैं? 

 

1 लाख नौकरियों के लिए चल रही भर्ती

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में (रेलवे द्वारा) 5 लाख लोगों को रोजगार दिया गया और जैसा कि हम कह रहे हैं, 1 लाख लोगों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। वहीं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से की गई है। 

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने हाल के दिनों में संपन्न लोको पायलटों की परीक्षा का उदाहरण दिया। इस परीक्षा में 18.4 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। यह परीक्षा 156 शहरों और 15 भाषाओं में 346 केंद्रों पर 15 शिफ्टों में पांच दिनों तक आयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लेवल 1 से लेवल 6 की भर्ती के लिए परीक्षा में 2.32 करोड़ उम्मीदवार शामिल हुए और रिक्तियों को बिना किसी समस्या के भरा गया।

 

रेलवे पर राजनीति करना ठीक नहीं: रेल मंत्री

केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि रेलवे के कुल 12 लाख से अधिक कर्मचारियों में से 40 प्रतिशत की भर्ती पिछले दस वर्षों में की गई है। उन्होंने कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि हमने रोजगार नहीं दिया है? यह गलत है और इस तरह की गलत सूचना नहीं फैलाई जानी चाहिए। 

उन्होंने जोर देकर कहा कि रेलवे और रक्षा ऐसे दो विभाग हैं, जिन पर लोगों को राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत है क्योंकि ये देश की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि ये देश की रीढ़ और देश की जीवन रेखा हैं। अगर हम इन पर राजनीति करते हैं, तो यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा। 

 

नई दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ पर क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री ने महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस घटना से संबंधित सभी डेटा, सीसीटीवी फुटेज सहित, सब कुछ सुरक्षित है। एक उच्च स्तरीय समिति इसकी जांच कर रही है 

उन्होंने बताया कि घटना से संबंधित वास्तविक तथ्यों को समझने के लिए 200-300 लोगों के बयान लिए जा रहे हैं। भविष्य में इस प्रकार की कोई समस्या ना हो इसको लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे भारत में 60 स्टेशनों की पहचान की गई है, जहां अचानक मौसमी भीड़ होती है। 

स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया का होगा निर्माण

उन्होंने कहा कि इन सभी स्टेशनों पर पूर्ण प्रवेश नियंत्रण के साथ स्थायी होल्डिंग एरिया का निर्माण किया जाएगा और इन्हें नवीनतम आधुनिक सीसीटीवी कैमरों, वॉकी टॉकी से लैस किया जाएगा और सभी पहचाने गए कदमों को लागू किया जाएगा। वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकार 5-6 वर्षों में पूरे रेलवे नेटवर्क को स्वचालित ट्रेन सुरक्षा तकनीक, कवच के साथ कवर करने के संकल्प के साथ काम कर रही है। 

विश्व भर में रेलवे बढ़ा रहा निर्यात

केंद्रीय रेल मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि रेलवे विश्व के कई क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ा रहा है। उन्होंने एक जानकारी साझा करते हुए कहा कि रेलवे ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच, ब्रिटेन, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को बोगियां, फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, स्पेन, जर्मनी और इटली को प्रणोदन तथा मोजाम्बिक, बांग्लादेश और श्रीलंका को यात्री कोच निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे मोजाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश को भी इंजनों का निर्यात कर रहा है। 

राज्यों से मांगा सहयोग

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विभिन्न कारणों से विलंबित या रुकी हुई विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे विपक्षी शासित राज्यों की सरकारों से सहयोग मांगा। 

इसके साथ उन्होंने उन आरोपों का भी खंडन किया, जिसमें कहा गया कि रेलवे गरीबों और मध्यम वर्ग के हितों की रक्षा करने में विफल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने हमेशा अपनी सभी योजनाओं में उन्हें प्राथमिकता दी है और सामान्य डिब्बों की संख्या में कोई कमी नहीं की गई है।