

पूर्व मध्य रेलवे ने चार मार्च को मुख्य लोको निरीक्षकों के पद के लिए विभागीय परीक्षा निर्धारित की थी। पीडीडीयू नगर में सोमवार की मध्य रात्रि में तीन स्थानों पर सीबीआइ ने जांच के दौरान कुल 17 अभ्यर्थियों के पास से हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकापी बरामद की।
इन लोगों ने कथित तौर पर प्रश्न पत्र के लिए आरोपित अधिकारियों को धन दिया था और तीन मार्च की देर रात प्रश्न पत्रों की प्रतियों के साथ रंगे हाथ पकड़े गए। उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में आठ स्थानों पर तलाशी ली गई। हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों के साथ-साथ उनकी फोटोकापी भी जब्त कर ली गई और इन प्रश्नपत्रों का मिलान मूल प्रश्नपत्र से किया गया और पाया गया कि वे मेल खाते हैं।
अफसरों ने रोपे भ्रष्टाचार के बीज, कर्मियों ने डाली खाद
सीबीआइ की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर के मुताबिक सीनियर डीईई आपरेशन सुशांत पाराशर, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार ने एक अन्य अधिकारी के साथ मिलकर कथित रूप से भ्रष्टाचार का बीज रोपण किया और विभागीय परीक्षा में बैठने वाले कई उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर उन्हें लाभ पहुंचाने की साजिश रची।
अधिकारियों ने मातहत अफसरों और कर्मचारियों को कैंडिडेट्स लाने की जिम्मेदारी सौंपी, जिसके बाद भ्रष्टाचार का पौधा तेजी से पेड़ बनने लगा। एक अधिकारी सीधे तौर पर रिश्वत की रकम वसूल रहा था, उसने एक महिला को घूस की रकम लिफाफे में रखकर दी, जिसकी तलाश की जा रही है।
देर रात रेलवे बोर्ड भेजी गई गिरफ्तार अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची
डीआरएम कार्यालय से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए 26 अधिकारियों, कर्मचारियों व लोगो पायलटों की सूची रेलवे बोर्ड भेज दी गई है। इसके साथ ही पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर मुख्यालय से स्थानीय स्तर पर जांच बैठा दी गई है। सभी आरोपितों की कुंडली विजिलेंस भी खंगालेगी।
वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त के स्तर पर भी इसकी जांच होगी। हालांकि, मंडल रेल कार्यालय में यह भी चर्चा थी कि अभी दस दिन बाद डीआरएम के स्थानांतरण की लिस्ट आनी है। उनका कार्यकाल भी यहां पर पूरा हो रहा है। इससे पहले हुई इतनी बड़ी कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है।