#कुंवारे लड़के हो जाएं सावधान, सात फेरों से सुहागरात तक साथ… फिर कांड कर देती थी दुल्हन; पति ही बनता था मामा#

2015 में लुटेरी दुल्हन ने पति के साथ मिलकर लोगों को लूटने का सिलसिला शुरू किया। नौ साल से अलग-अलग शहरों में युवाओं, तलाकशुदा और अधेड़ करीब 30 लोगों को शिकार बनाया। इस बीच महिलाओं के पति ही मामा, चाचा, भाई और पिता के किरदार निभा रहे थे। 

गिरोह के मंसूबों का पर्दाफाश

दुल्हन उम्रदराज हुई और धंधा मंदा पड़ा तो कम उम्र की खूबसूरत नई दुल्हनों को तलाश कर लोगों को लूटना शुरू कर दिया। इसी कड़ी में सूरजपुर की एक युवती को रुपयों का लालच देकर गिरोह में शामिल करने का प्रयास किया, लेकिन युवती ने गिरोह के मंसूबों का पुलिस के सामने पर्दाफाश कर दिया। पुलिस महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह की फरार लुटेरी दुल्हन अनम की तलाश जारी है। 

गिरोह के चार सदस्यों को किया गिरफ्तार

पुलिस उपायुक्त सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी के मुताबिक, लुटेरी दुल्हन गिरोह के सरगना व महिला समेत चार सदस्यों को सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने सर्विलांस और सीडीटी टीम की मदद से गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान गिरोह के सरगना प्रदीप निवासी जरगवां गांव थाना रामघाट बुलंदशहर, आमिर निवासी मोहम्मद शाह जमाल थाना देहली गेट, अलीगढ़, संतोष निवासी इंदिरा नगर थाना क्वारसी अलीगढ़ व मालती निवासी गली नंबर-10 इंदिरा नगर थाना देहलीगेट अलीगढ़ के रूप में हुई है। 

पूछताछ में उगले बड़े राज

पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि गिरोह का सरगना प्रदीप दुल्हन का मामा बनकर लोगों को फंसाता था, अनम दुल्हन और उसका पति आमिर उसका भाई बनकर रिश्ता तय करके लोगों को फंसाते थे, जबकि संतोष शादी के इच्छुक लोगों को ढूंढकर प्रदीप से मुलाकात कराता था। मालती मौसी या मां के किरदार में रहती थी। मालती को प्रत्येक मामले में 5 से 10 हजार रुपये इसके लिए दिये जाते थे।

 

अन्य युवतियों की तलाश कर रही पुलिस

वहीं, अनम की उम्र अधिक हुई तो आरोपितों ने आर्थिक रूप से कमजोर खूबसूरत युवतियों को लालच देकर गिरोह में शामिल करना शुरू कर दिया। ऐसी ही सूरजपुर निवासी युवती को गिरोह ने जाल में फंसाया और शादी भी तय कर ली, लेकिन जैसे ही युवती को गिरोह की सच्चाई पता चली। उसने पुलिस के सामने पर्दाफाश कर दिया, सभी सदस्य को दबोच लिया। पुलिस अन्य युवतियों की तलाश कर रही है।

 

सरगना प्रदीप के खिलाफ बुलंदशहर, अलीगढ़ में पांच मुकदमे दर्ज हैं। वह गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ पूर्व में जेल जा चुका है। आमिर व संतोष पर दो दो मुकदमे और मालती पर एक मुकदमा दर्ज है।

इस तरह लूटते थे गिरोह के सदस्य

डीसीपी ने बताया रिश्ता तय होने के बाद शादी कर दुल्हन को ससुराल भेज दिया जाता था। यदि अनम लुटेरी दुल्हन बनती थी तो ससुराल से मिले गहने व नकदी में उसका तय हिस्सा दिया जाता था। यदि दूसरी लड़की को दुल्हन बनाते थे तो उसे 50 हजार ही दिए जाते थे। ससुराल पहुंचने के बाद दुल्हन पति पर ज्यादा से ज्यादा गहने आदि बनवाने का दबाव बनाती थी। नगदी व गहने लेकर फरार हो जाती थी। रिश्तेदारों में मान-सम्मान की दुहाई देकर एक सप्ताह बाद गहने व नकदी के साथ विदाई करा लेते थे।