ट्रंप ने दी हमास को धमकी, कहा- अगर बंधक नहीं छोड़े गए तो मिडिल ईस्ट में तबाही मच जाएगी अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक सख्त बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि 20 जनवरी 2025 तक इजरायल के बंधक गाजा से रिहा नहीं किए गए, तो वह मध्य पूर्व में “तबाही” मचाने की धमकी देंगे।उनका यह बयान इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के संदर्भ में आया है, जिसमें 250 से ज्यादा बंधक अभी भी गाजा में फंसे हुए हैं। ट्रंप ने कहा कि जो लोग बंधकों को क़ैद किए हुए हैं, उनके खिलाफ अमेरिका सख्त एक्शन लेगा और उन्हें “इतिहास की सबसे बड़ी सजा” दी जाएगी। बंधकों का मुद्दा 2023 में 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले में 250 से अधिक लोग बंधक बनाए गए थे, जिनमें इजरायल-अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। इसके बाद से, युद्ध और संघर्ष के बावजूद, हमास इन बंधकों को अपनी शर्तों के तहत रिहा करने के लिए तैयार नहीं हुआ है।
गाजा में अब भी 101 विदेशी और इजरायली बंधक मौजूद हैं। अनुमान है कि इनमें से आधे बंधक अभी जीवित हैं। ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “अगर 20 जनवरी तक इन बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो हम इस मुद्दे को सख्त तरीके से हल करेंगे। हम उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे जो मानवता के खिलाफ यह अत्याचार कर रहे हैं।” ट्रंप की यह चेतावनी साफ तौर पर युद्ध की स्थिति को और अधिक गंभीर बना सकती है।
हमास की शर्तें हमास ने बंधकों की रिहाई के बदले युद्धविराम और गाजा से इजरायल की पूर्ण वापसी की शर्त रखी है। वे चाहते हैं कि इजरायल गाजा से पूरी तरह से निकल जाए और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना हो। हमास के गाजा प्रमुख खलील अल-हय्या ने हाल ही में कहा था, “जब तक फिलिस्तीनी क्षेत्र में युद्ध खत्म नहीं हो जाता, तब तक कैदियों की अदला-बदली या किसी अन्य समझौते की कोई संभावना नहीं है।” उनका कहना था कि बिना युद्धविराम के, इजरायल के साथ कोई समझौता संभव नहीं है। इजरायल का रुख वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि जब तक हमास का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता, तब तक इजरायल का संघर्ष जारी रहेगा।
उनका कहना है कि बंधकों को रिहा करने से पहले, हमास को पूरी तरह से नष्ट करना आवश्यक है। नेतन्याहू के खिलाफ इजरायल में कुछ विरोधी आवाजें उठ रही हैं, जो चाहते हैं कि बंधकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए। गाजा की भयावह स्थिति गाजा में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। इजरायल की सैन्य कार्रवाई के चलते अब तक 44,400 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, और गाजा की अधिकांश जनसंख्या विस्थापित हो चुकी है।
इजरायल द्वारा की गई बमबारी और हमलों के कारण गाजा के विशाल क्षेत्र में तबाही मच चुकी है। गाजा के अधिकारियों के अनुसार, लगभग पूरा गाजा क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। इजरायल की सैन्य कार्रवाई में हजारों इमारतें, अस्पताल और स्कूल नष्ट हो गए हैं। हाल ही में, हमास ने दावा किया कि गाजा में 33 बंधकों की मौत हो गई है, हालांकि उन्होंने उनकी राष्ट्रीयता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
इसके अलावा, कई और बंधक घायल हो सकते हैं, जिन्हें इलाज की सख्त आवश्यकता है। ट्रंप की धमकी का वैश्विक प्रभाव ट्रंप की यह धमकी न केवल इजरायल और गाजा में बल्कि पूरे मध्य पूर्व और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचा सकती है। अगर ट्रंप अपने बयान पर अमल करते हैं, तो इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, और यह संघर्ष को और भी भयंकर बना सकता है। ट्रंप ने कहा है कि अगर समय रहते बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो वह अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल करेंगे, जो पहले कभी नहीं किया गया।
हमास और इजरायल के बीच संघर्ष की जटिलता यह संघर्ष न केवल इजरायल और हमास के बीच है, बल्कि इसमें पूरी दुनिया की ताकतें शामिल हो गई हैं। हमास के एक तरफा मांगों और इजरायल के दृढ़ नायक के बीच युद्ध को हल करना बेहद कठिन हो गया है। हालांकि, बंधकों की रिहाई के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। दोनों पक्षों की लगातार सैन्य कार्रवाई और संघर्ष को देखते हुए, हालात और भी बिगड़ने की संभावना है।
इस समय, मध्य पूर्व में युद्ध की स्थिति बेहद जटिल हो गई है। इजरायल, हमास, और अमेरिका के बीच कड़ी बयानबाजी और संघर्ष के बावजूद, बंधकों की रिहाई को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई है। ट्रंप की धमकी, हमास की शर्तें और इजरायल का रुख यह संकेत देते हैं कि स्थिति में जल्द कोई बदलाव आना मुश्किल है। गाजा और इजरायल के लोग इस संघर्ष से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, और पूरी दुनिया की नजर इस पर बनी हुई है।