#यूपी काॅलेज पर वक्फ का दावा : अपने जीवन की अंतिम लड़ाई लड़ रहे मुसलमान…, काशी के इस संत ने कही बड़ी बात#

वाराणसी के यूपी काॅलेज पर वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर काशी के संत समाज ने नाराजगी जताई है। अखिल भारतीय सन्त समिति और गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि अब मुसलमान अपने जीवन की अंतिम लड़ाई लड़ रहा है। हिन्दुओं की आड़ में कांग्रेस ने मुस्लिमों को जो हथियार मुहैया कराया है अब यह उन्हें ही भारी पड़ने वाला है।

कहा कि ओवैसी खुद मानते हैं कि यूपी में एक लाख 13 हजार वक्फ संपत्तियां है लेकिन एक लाख नाै हजार का कोई रिकाॅर्ड नहीं है। भगवान श्री रामलला के पैदा होने का वे सबूत मांगते हैं लेकिन इन वक्फ बोर्ड के दस्तावेज मांगने पर वे चुप्पी साध लेते हैं।
वक्फ के पास इतनी संपत्तियां कहा से आईं, इसका सबूत देने के लिए ओवैसी सामने नहीं आते। इन्हें सिर्फ हिन्दुओं से ही कागज चाहिए। अब काशी के यूपी काॅलेज पर अपना अधिकार जताया जा रहा है। यह मामला ठीक वैसा ही जैसे कुछ दिन पहले इन लोगों ने तमिलनाडु के अंदर 2000 वर्ष पुराने गांव पर अपना अधिकार जता दिया था जबकि इस्लाम को आए ही 1400 वर्ष हुए हैं।
कहा कि अब वक्फ के लोग मंदिरों और हिन्दुओं स्थानों पर अपना अधिकार जता रहे हैं। उन्होंने चेताया कि मुस्लिम समुदाय सोच-समझकर अपने दावे पेश करे अन्यथा उन्हें दिक्कतें उठानी पड़ जाएंगी।
बता दे कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ की तरफ से उदय प्रताप कॉलेज की जमीन को वक्फ की संपत्ति होने का दावा की बात सामने आई है। इस दावे से जुड़ा नोटिस 2018 में ही दिया गया था, लेकिन छह साल बाद एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में आया है।
इसी क्रम में स्वामी जीतेन्द्रानन्द ने पृथ्वीराज चाैहान के जीवन से जुड़ी अजेय मेरू, जिसे आज अजमेर कहा जाता है, उसकी दरगाह के सर्वे के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने न्यायालय के निर्णय और मुकदमे की स्वीकारोक्ति को सही ठहराया है।