#जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी#

बरेली
रिपोर्ट-सुमित श्रीवास्तव

दर-दर भटकने के बाद ठंडे बस्ते में पड़ जाती है जांच।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए स्वास्थ्य विभाग लिख रहा भ्रष्टाचार के नित्य नए आयाम ,एक ओर जहां योगी आदित्यनाथ का आदेश है की झोलाछाप डॉक्टरों ,मानकों के विपरीत चल रहे अस्पतालों ,अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कार्रवाई करते हुए इस तरह के सिंडिकेट को पूर्णतया ध्वस्त किया जाना चाहिए ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा स्वास्थ्य विभाग के इन्हीं यूनिटों के कारण मनुष्य समय से पहले काल के गाल में समा रहा है, कैंसर किडनी डैमेज, हार्ट अटैक आदि गंभीर बीमारियां आम हो चुकी हैं, फिर भी स्वास्थ्य विभाग इन सबको अनदेखा कर भ्रष्टाचार की मलाई चाट रहा है।

पीड़ित व मीडिया द्वारा अवगत कराने पर भी नहीं होती है कार्यवाही

कारवाही के नाम पर सीएमओ साहब व अधिकारियों द्वारा केवल जांच का आश्वासन मिलता है जिसके क्रम में मानकों के विपरीत दर्जनों अस्पताल चल रहे हैं वहीं बहुमंजिला शहदाना अस्पताल का मामला ,फतेहगंज पश्चिमी के दिवाकर का गलत ऑपरेशन , फैजनगर के फर्जी शुभम अस्पताल, सुभाष नगर सात साल की बच्ची का टीबी के गलत इलाज के दौरान मौत, चाहे देव हॉस्पिटल में एनेस्थीसिया की ओवरडोज से तीन साल की बच्ची की मृत्यु हो इन सभी मामलों पर भी जांच के नाम पर आश्वासन की पुड़िया दी जा रही है ,पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही।
अब देखना यह है की जांच के नाम पर सोया स्वास्थ्य विभाग कब तक जागता है और पीड़ितों को इंसाफ दिलाता है या हमेशा की तरह जांच के नाम पर सारे मामले ठंडे बस्ते में डालकर भ्रष्टाचार की मलाई फिरसे हजम कर जाएगा स्वास्थ्य विभाग?