#वाराणसी सामूहिक हत्याकांड: करोड़ों के मालिक… फिर भी रिश्तेदारों और किरायेदारों ने चंदा जुटाकर की अंत्येष्टि#
वाराणसी के भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी की हत्या के बाद सरकारी लापरवाही के कारण 46 घंटे में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया संपन्न हुई। इसके बाद शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस से हरिश्चंद्र घाट तक शव पहुंचाने के लिए तीन एंबुलेंस के चालकों ने राजेंद्र के रिश्तेदारों से लंबी किचकिच के बाद 19 हजार रुपये वसूले। बृहस्पतिवार की शाम पांचों सदस्यों को राजेंद्र के छोटे भतीजे प्रशांत उर्फ जुगनू ने पुलिस हिरासत में मुखाग्नि दी।
भदैनी स्थित घर में मंगलवार को नीतू, नमनेंद्र, सुबेंद्र और गौरांगी का शव मिला था। मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में राजेंद्र का शव मिला था। पांचों के सिर, सीने और कनपटी में 15 गोली मारी गई थी। नीतू और तीनों बच्चों के शव को शाम 4 बजे और राजेंद्र के शव को शाम सात बजे शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस ले जाकर पुलिस ने रखवा दिया था।
दोबारा हुआ नीतू और सुबेंद्र का एक्स-रे
बुधवार को मंडलीय अस्पताल में पांचों शव एक्स-रे के लिए भेजे गए। मशीन खराब होने की वजह से एक्स-रे काफी देर से हुआ। इसके बाद रात आठ बजे के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई। नीतू और सुबेंद्र को गोली कहां लगी है, यह स्पष्ट न होने पर दोनों के शव का दोबारा एक्स-रे हुआ। इसके बाद जाकर बृहस्पतिवार की दोपहर 2 बजे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया संपन्न हुई।
शव ले जाने के लिए एंबुलेंस चालकों ने मांगे 30 हजार
पोस्टमार्टम के बाद हरिश्चंद्र घाट तक शवों को जाने के लिए तीन एंबुलेंस चालकों ने परिजनों से 30 हजार रुपये मांगे। लंबी किचकिच के बाद 19 हजार रुपये में बात तय हुई। पुलिस की तगड़ी सुरक्षा में मां शारदा देवी और परिजनों की मौजूदगी में पांचों शवों की अंत्येष्टि की गई।
एंबुलेंस चालक बोले- सबको पैसे देने पड़ते हैं
तीनों एंबुलेंस चालक शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस से हरिश्चंद्र घाट तक पांचों शव पहुंचाने के लिए राजेंद्र के रिश्तेदारों से 30 हजार रुपये मांग रहे थे। तीनों का कहना था कि सबको पैसा देना पड़ता है। अकेले हम लोग ही पैसा नहीं रखते हैं। पोस्टमार्टम हाउस के लोगों का भी हमें ध्यान रखना पड़ता है। 30 हजार से कम में हमें नुकसान हो जाएगा। हालांकि, किचकिच के बाद चालक 19 हजार रुपये में पांचों शव ले जाने को तैयार हुए।
करोड़ों रुपये के मकान और जमीन है राजेंद्र के पास
राजेंद्र के पास करोड़ों रुपये के आलीशान मकान और जमीन हैं। 10 लाख रुपये से ज्यादा प्रतिमाह किराया राजेंद्र को मकान में रहने वाले किरायेदार और शराब ठेका का संचालक देता था। ऐसे संपन्न परिवार के सदस्यों की हत्या के बाद रिश्तेदारों और किरायेदारों ने चंदा देकर 44 हजार रुपये जुटाए। तब जाकर अंत्येष्टि हो सकी।
वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या
वाराणसी शहर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई है। घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला है। उसे भी गोली मारी गई थी।
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
फ्लैट में रहता था राजेंद्र गुप्ता का परिवार
भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे।
सफाई करने वाली आई तो हुआ हत्याकांड का खुलासा
मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नवेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी।
वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था
हत्या, दो शादी और एक महिला से करीबी
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र पर उसके पिता व एक चौकीदार के साथ ही छोटे भाई व छोटे भाई की पत्नी की हत्या का आरोप था। ये घटनाएं वर्ष 1997 की हैं। इसी आरोप में राजेंद्र जेल भी गया था। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी। हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई साल से पश्चिम बंगाल के आसनसोल रहती है। इन्हीं सभी बिंदुओं को वारदात की वजह मान कर सीसी कैमरों की फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से पुलिस की 10 टीमें जांच कर रही हैं।