#डिप्टी सीएमओ का आदेश हुआ फेल, मरीजों की जिंदगी से हो रहा है खेल#

रिपोर्टर रोशन लाल
आजमगढ़

शासन की लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं चिकित्सकों की कमी और सुविधाओं के अभाव में आम जन मानस के लिए नाकाफी साबित हो रही हैं, वहीं इसका फायदा उठाते हुए झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा चट्टी चौराहों तथा सरकारी चिकित्सालयों के आसपास धड़ल्ले से अवैध हॉस्पिटलों का संचालन किया जा रहा है जहां गांव-देहात के गरीब अनपढ़ मरीजों से उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए पैसा कमाने के चक्कर में बड़ी से बड़ी सर्जरी तक कर दी जा रही है । प्रसूता महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी तो आम बात हो गई है । जिसका खामियाजा है कि आए दिन ऐसे चिकित्सालयों में मरीजों के जान गंवाने की शिकायतें मिलती रहती है ।
कुछ ऐसा ही मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज के आस-पास तथा स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न मार्केटों में संचालित हास्पिटलों में से एक देवपाली हॉस्पिटल के विरुद्ध कुछ जागरूक लोगों द्वारा की गई शिकायत की जांच करने गत 18 सितंबर को डिप्टी सीएमओ डॉक्टर अरविंद चौधरी मौके पर पहुंचे तो शिकायत सत्य पाई गई और बिना रजिस्ट्रेशन व किसी योग्य चिकित्सक के अस्पताल संचालित होता पाया गया । मौके पर कुल 11 मरीज भी भर्ती पाए गए । हालांकि जांच अधिकारी ने अस्पताल संचालक तथाकथित चिकित्सक के प्रति दरियादिली दिखाते हुए कार्यवाही के नाम पर यह निर्देश दिया कि पांच दिन के अंदर अस्पताल को बंद कर दिया जाए अथवा रजिस्ट्रेशन करा लिया जाए । कोई लिखित शिकायत न होने के कारण आसपास के अन्य फर्जी हॉस्पिटलों पर डिप्टी सीएमओ की नजर भी नहीं पड़ी । जांच का परिणाम रहा कि उक्त हास्पिटल बंद तो नहीं हुआ बल्कि संचालक द्वारा स्वयं की पीठ थप-थपाते हुए यह कहा जाने लगा कि हॉस्पिटल चलाना सबके बस की बात नहीं है इसके लिए दम होना चाहिए । आम जनमानस में अब उक्त अस्पताल के विरुद्ध कार्यवाही को लेकर विभागीय संलिप्तता की चर्चाएं खूब जमकर हो रही हैं । अब देखना होगा कि विभाग द्वारा आगे क्या कार्यवाही की जाती है । इस संबंध में जब मीडिया ने डिप्टी सीएमओ डॉ अरविंद चौधरी से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने राज्यपाल के कार्यक्रम में होने की बात कहते हुए बाद में बात करने के लिए कहा किंतु समाचार लिखे जाने तक चौधरी साहब का कोई जवाब नहीं आया।