दुल्लहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर असुविधा का अंबार

गाजीपुर (शमीम अंसारी) दुल्लहपुर गाजीपुर सदियों पुराना अंग्रेजी जमाने से एक अलग पहचान रखने वाला मातृत्व शिशु एवं परिवार कल्याण स्वास्थ्य उपकेन्द्र जलालाबाद जखनियां गाजीपुर में सुविधाओं का अभाव होते हुवे भी 30 से 40 प्रसव प्रति माह करा कर एक अलग पहचान रखता हैं वहीं ए०एन०एम०अनिता देवी ने बताया कि हमारे आने के बाद यहां कोई व्यवस्था नहीं थी लेकिन मेरे आने के बाद यहां कई बार लिखित सूचना देने पर एक बेड और कुच्छ व्यवस्था मिली लेकिन तबसे आज तक न किसी सुविधा को बढ़ाया गया न अतिरिक्त कच्छ या अन्य बेड मिला हला की पिछे जमीन भी हैं लेकिन अभी तक नहीं बन पाया न कहीं सुनवाई हुई फिर भी अपनी जिम्मेदारी पर एक ही बेड पर प्रसव कराया जाता हैं जब कई पेसेंट हो जाते हैं तो नीचे भी लिटाना पड़ता हैं किसी तरह जैसे तैसे प्रसव कराया जाता हैं वहीं इस रेंज में जखनियां तहसील का सबसे बड़े गाँव जलालाबाद और टड़वा टप्पा, जसौली, धनबाउर ,आदि आता हैं जहाँ पूरे क्षेत्र की प्रसव सम्बंधित महिलाएं व गर्भवती महिलाओं का डेली आना जाना रहता है उन महिलाओं को ले आने -ले जाने के लिए एम्बुलेंस जखनियां ,धर्मागतपुर,और छपरी CHC से आती हैं जिसे आने जाने में लगभग 30 से 45 मिनट लगता हैं जहाँ की जनता नें कई बार अधिकारियों को अवगत कराया कि यहां कुच्छ सुविधाओं को मुहैया कराई जाय ताकि क्षेत्र की जनता का स्वास्थ्य के नाम पर भला हो जाय लेकिन किसी नेता, मंत्री और अधिकारियों ने यहां की जनता की आवाज नहीं सुनीं वहीं एक पूर्व प्रधान की कार्य काल में मिनी स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हुआ लेकिन वहां संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी कभी 11 :00 बजे आता हैं तो कभी 12:00 बजे और कभी कभी तो नहीं भी आते हैं जिसकी वजह से वहाँ दवा के लिए आने वाले मरीजों को वापिस जाना पड़ता हैं क्षेत्र की जनता नें इनकी कई बार शिकायत की लेकिन किसी अधिकारियों ने संज्ञान नही लिया जहाँ की खास और अहम बात की यहां से निकलने वाले कूड़ा- कचरा जैसे प्रशव के दौरान खराब ब्लड,मांस के टुकड़े,कपड़ा,सीरेंज सुई, खराब मेडिसिन आदि स्वास्थ्य केन्द्र में कोई उचित ठोस गिला सूखा -कचरा प्रबंधन आदि की व्यवस्था न होने के कारण खुले में फेंक दिया जाता हैं वहीं कुच्छ दूरी पर फेंक कर आ रहीं स्वास्थ्य केंद्र की दाइयों से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि इधर ही हम लोग डेली फेंक देते हैं अस्पताल के तरफ से कोई व्यवस्था नहीं कि गई हैं जब कि यहां महीने में 30 से 40 डीलेभरी कराई जाती हैं आप समझ सकते हैं कि कितना कचरा निकलता होगा जब की स्वच्छता के नाम पर सरकार द्वारा कई मद से ग्रामसभाओं में पैसा आता हैं लेकिन सवाल खड़ा करता हैं सरकारी सिस्टम पर की क्यों आज भी इस मिनी स्वास्थ्य केन्द्र पर सुविधाओं का अभाव हैं जिसकी वजह से क्षेत्रीय जनता को स्वास्थ्य के प्रति कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं।