#दुकानदार बोले-10 के सिक्के लेने को हम तैयार… लेकिन हमसे कौन लेगा… | 10 के सिक्के ना ग्राहक लेते है और न ही भीलवाड़ा के बैंक#
जयपुर: अगर आप 10 रुपए का सिक्का लेकर मार्केट जाते हैं तो सामान नहीं मिलेगा। दरअसल, यहां 10 रुपए के सिक्के लेने से दुकानदार मना करते हैं। 10 रुपए के सिक्कों से लेनदेन पूरी तरह बंद है। दुकानदारों का कहना था कि हम 10 रुपए का सिक्का लेने को तैयार हैं, लेकिन हमसे सिक्के कौन लेगा? जब उनसे कहा कि बैंक सिक्के जमा करता है तो एक व्यापारी ने कहा कि मेरे पास 150 सिक्के 10-10 के सिकके रखे हैं, बैक लेने को तैयार नहीं है। 10 रुपए का सिक्का रिजर्व बैंक जारी करता है। देशभर में चलन है। लेकिन भीलवाड़ा में 10 के सिक्कों को लेकर कई तरह की अफवाह हैं। दुकानदारों का कहना है कि पिछले कई सालों से 10 के सिक्के का चलन में अचानक बंद हो गया। इसको लेकर पत्रिका टीम ने जमीनी स्तर पर पड़ताल की है तो यह बात सामने आई है।
व्यापारियों की पीड़ा:
भारतीय मुद्रा का हम सम्मान करते हैं। इसी कारण इन 10 के सिक्कों को हम ले लेते हैं। लेकिन जब हम ग्राहक को इन सिक्कों को वापस देते है तो लेने से इंकार कर देते हैं। कहते हैं कि 10 के सिक्कों लेकर क्या करेंगे जब ये सिक्के चलन से बाहर हैं।
पुरुषोतम अडवानी, पान व्यवसायी
10 रुपए के सिक्के केवल भीलवाड़ा शहर में नहीं चलते हैं:
हम तो सिक्के ले लें मगर बड़े व्यापारी हमसे सिक्के नहीं लेते हैं। यूनियन बैंक में खाता है। जब सिक्के लेकर गया तो लेने से मना कर दिया। बैंक भी सिक्के नहीं लेता तो फिर हम कैसे ले?
प्रदीप जेठानी, व्यापारी
ग्राहक देना तो चाहते है, लेकिन लेना नहीं चाहते है। लोगों के मन में भ्रांतिया है कि यह सिक्के नकली है। या बंद हो चुके है। 10 के सिक्के लेने को तैयार है, लेकिन ग्राहक या बैंक भी तो हमसे लें। 10 के सिक्के कोई लेने को तैयार नहीं है, इसलिए हम भी नहीं लेते है।
सतीश कुमार यादव, किराणा व्यापारी
10 सिक्के लेने से इंकार नहीं करते है, लेकिन ग्राहक नहीं लेते है:
ग्राहक से सब्जी वाले नहीं लेते है। इन सिक्कों को अजमेर या जयपुर भेज देते हैं। वहां आसानी से चल रहे हैं। बैंक ऑफ बडौदा में खाता है, वहां सिक्के जमा कराने गए तो दुकान पर चलाने का कहकर लौटा दिए।
राजेन्द्र शर्मा, किराणा व्यापारी
10 के सिक्के लेने में कोई परेशानी नहीं हैं:
लेकिन बाजार में कोई भी लेने को तैयार नहीं है। आगे कोई लेते है तो हम भी लेने को तैयार हैं।
प्रहलाद रेगर, मोटर वाइडिंग दुकानदार:
दस के सिक्के हमसे कोई नहीं लेता है। इसलिए हम भी कतराते हैं। दुकान में रखे 10 के सिक्के दिखाते कहा- हमें सिक्के लेने से परहेज नहीं है। कई बार ग्राहक खुद सिक्के लेने से मना करते हुए कहते हैं कि जब ये चलते ही नहीं तो सिक्के के बदले नोट दो।
रमेश मामनानी, पान विक्रेता