

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में एटीएस ने मुख्य आरोपी संविदा कर्मी अनीता यादव समेत तीन आरोपियों को जेल भेज चुकी है। इन लोगों ने बड़ी संख्या में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए हैं। इस मामले में कुल आठ लोगों पर नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। वहीं इस प्रकरण में जिले के कई ग्राम विकास अधिकारी व जन सुविधा केंद्र संचालकों के भी शामिल होने की आशंका है। ऐसे में एटीएस फर्जीवाड़े में संलिप्त अन्य की तलाश कर रही है।
रायबरेली के सलोन में फर्जी प्रमाण पत्रों के मामले में एटीएस और उसकी ऑप्स टीमें प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में छापा मार रही हैं। खासकर बिहार, पूर्वी यूपी और कर्नाटक तथा केरल में पड़ताल चल रही है। इसी क्रम में एटीएस की नजर आजमगढ़ पर भी थी। जहां बड़ी संख्या में फर्जी जन्म, मृत्यु व आधार कार्ड बनाने का खेल चल रहा था। इसे लेकर एटीएस शुक्रवार को जिले में धमक पड़ी।
टीम ने आजमगढ़ के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में संविदा पर कार्यरत महिलाकर्मी अनीता यादव, शिवानंद और आनंद यादव को भी गिरफ्तार किया। ये सभी नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) पोर्टल पर अधिकृत आईडी का दुरुपयोग कर बड़ी संख्या में फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बना रहे थे।
सुनें एसपी की
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक भारत भूषण तिवारी की तहरीर पर शहर कोतवाली में आठ नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जिसमें जहानागंज थाना क्षेत्र के अकबेलपुर गांव निवासी शिवानंद, निजामाबाद थाना क्षेत्र के बड़ेगांव पक्कनपुर निवासी आनंद यादव उर्फ नन्हे यादव, शहर कोतवाली क्षेत्र के कोल पांडेय निवासी संविदा कर्मी अनीता यादव, दुर्गापुर गांव निवासी एवं अनीता यादव का भतीजा पंकज यादव, कोल पांडेय निवासी सत्यम, जहानागंज थाना क्षेत्र के मंदे बाजार निवासी जावेद, बलरामपुर निवासी आकाश यादव व वाराणसी के विपुल व कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया।