#UP News: 10 दिन में दाखिल हुई चार्जशीट, 73 दिन में मिला बेटी को इंसाफ; अदालत ने तीन को सुनाई उम्रकैद की सजा#
पहले परिचित युवक तो बाद में तीन अन्य युवकों ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। परिचित युवक उसे छोड़ कर भाग गया था। अनुसूचित जाति की नाबालिग बेटी के पिता ने चारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अब अदालत ने 73 दिन के भीतर बेटी के चारों गुनाहगारों को दोषी करार दिया है।
परिचित युवक को 20 साल की कैद तो शेष तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों पर 3.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
घटना नौगावां सादात थाना क्षेत्र के एक गांव की है। यहां रहने वाले अनुसूचित जाति के किसान की नाबालिग बेटी को क्षेत्र के बांसखेड़ी गांव का रहने वाला परिचित युवक नूर मोहम्मद 27 अप्रैल 2024 की रात बहला-फुसलाकर कर ले गया था। उसने गन्ने के खेत में ले जाकर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया।
उसी दौरान ट्रैक्टर सवार तीन लोग वहां आ गए थे। तीनों ने किशोरी और नूर मोहम्मद को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया था और अश्लील वीडियो और फोटो बनाए थे। खुद को पकड़े जाने पर नूर मोहम्मद तो मौका पाकर किशोरी को गन्ने के खेत में अकेला छोड़कर भाग गया था। वह किशोरी के कपड़े और मोबाइल भी साथ लेकर चला गया था। पीड़ित ने भी भागने का प्रयास किया था, लेकिन तीनों ने उसे पकड़ लिया था।
फोटो व वीडियो प्रसारित करने की धमकी देकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। रात में लगभग ढाई बजे गश्त के दौरान पुलिस की लैपर्ड बाइक गन्ने के खेत के पास से गुजरी थी तो तीनों युवक किशोरी को छोड़ कर भाग गए थे। पुलिसकर्मी पीड़िता को घर लेकर आए थे। इस मामले में किशोरी के पिता ने नूर हसन के विरुद्ध अपहरण, पोक्सो एक्ट और एससी एसटी एक्ट तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पुलिस ने चार को किया था गिरफ्तार
पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने पहले नूर मोहम्मद के विरुद्ध दुष्कर्म की धाराओं में बढ़ोतरी की थी। बाद में सामूहिक दुष्कर्म करने वालों की पहचान सैदपुर इम्मा निवासी दिलशाद, मुन्तजिम और राशिद के रूप में हुई। इन तीनों पर भी दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
विवेचना सीओ अभिषेक यादव कर रहे थे। उन्होंने 10 दिन के भीतर अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। चारों युवकों को जमानत नहीं मिली थी। यह मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश पोक्सो एक्ट प्रथम डा. कपिला राघव की अदालत चल रहा था। इस मुकदमे की 10 जून को पहली और 21 अगस्त (बुधवार) को अंतिम सुनवाई की गई। बुधवार को 73वें दिन अदालत ने चारों युवकों को दोषी करार दिया।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रतनलाल लोधी ने बताया कि अदालत ने नूर मोहम्मद को अपहरण व दुष्कर्म के मामले में 20 साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जबकि दिलशाद मुन्तजिम व राशिद को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी करार मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
पुतले के कपड़े पहन कर बाहर आई थी बेटी
राशिद, मुन्तजिम व दिलशाद द्वारा पकड़े जाने पर नूर मोहम्मद तो फरार हो गया था। वह बेटी के कपड़े भी ले गया था। उसके बाद तीनों ने दुष्कर्म किया था। परंतु पुलिस को आता देख वह भी भाग गए थे। जब पुलिस कर्मियों को देख कर बेटी बाहर आने लगी तो वह निर्वस्त्र थी। उसने मजबूरी में खेत में खड़े पुतले के फटे पुराने कपड़े उतार कर खुद को ढका था। उसके बाद वह खेत से बाहर निकली थी।
बेटी को मिला इंसाफ बेटी के स्वजन का कहना है कि आज उन्हें इंसाफ मिला है। अदालत ने समय से पहले दोषियों को उनके किए की सजा दे दी है। अदालत के इस फैसले के बाद निश्चित ही कोई बेटियों के साथ इस प्रकार की हरकत नहीं करेगा।