वाराणसी। जिला प्रशासन और काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन द्वारा महंत परिवार की परंपरा से छेड़छाड़ के विरोध में दिवंगत महंत डॉ. कुलपति तिवारी की धर्मपत्नी मोहिनी देवी सोमवार को अनशन पर बैठ गईं। दृष्टिबाधित मोहिनी देवी ने परिवार की परंपरा से छेड़छाड़ किए जाने से आहत होकर यह कदम उठाया।
एक तरफ पूरे दिन टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास के बाहर पुलिस का पहरा रहा तो दूसरी तरफ आवास के अंदर मोहिनी देवी का अनशन जारी रहा। परिवार के सदस्य उन्हें पूरे दिन समझाते रहे लेकिन उन्होंने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया। इस बात की जानकारी एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक को हुई तो वह सायंकाल करीब साढ़े पांच बजे टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पहुंची। उन्होंने भी मोहिनी देवी को समझाने का प्रयास किया। इसपर मोहिनी देवी ने डॉ. कुलपति तिवारी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजा गया शोक संवेदना वाला पत्र दिखाते हुए एसीपी से कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री जी कहते हैं मेरे पति को विश्वनाथ मंदिर की परंपराओं का संवाहक बताते हैं और दूसरी तरफ वाराणसी के जिला प्रशासन ने हमारे परिवार की परंपरा पर कब्जा कर लिया। यह दोहरी नीति दिखा का आखिर वर्तमान सरकार क्या साबित करना चाहती है। एसीपी प्रज्ञा पाठक ने कहा कि मोहिनी देवी को समझाते हुए कहा कि आप की बात शासन तक पहुंचाई जाएगी लेकिन आप अनशन समाप्त कर दें। यह आप की सेहत के लिए ठीक नहीं है। परिवार के सदस्यों ने भी उनसे बार-बार अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया। सभी के बार-बार अनुरोध पर मोहिनी देवी ने फल का रस ग्रहण किया साथ ही उन्होंने शर्त रख दी की एक सप्ताह के भीतर महंत परिवार की परंपरा की बहाली का पत्र शासन की ओर से उन्हें नहीं मिला तो वह अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ जाएंगी।
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