मैजापुर चीनी मिल द्वारा छोड़े गए विषैले गंदे पानी से दम तोड़ रही तालाब की मछलियाँ

मिल प्रबंधन के विरुद्ध दर्ज हो मुकदमा और दिलाया जाय मुआवजा- गुरुचरन (अध्यक्ष मत्स्यजीवी सहकारी समिति)
गोण्डा/कटराबाजार। तहसील कर्नलगंज के कटराबाजार क्षेत्र में संचालित मैजापुर चीनी मिल द्वारा छोड़े जा रहे विषैले पानी से जहां किसानों की फसलों का नुकसान हो रहा है वहीं जीव जंतु भी इसकी चपेट में आकर अपनी जिंदगी से हाथ धो रहे हैं। यही नहीं विषैले पानी से स्थानीय लोग भी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जबकि इस गंभीर मामले में समस्त जानकारी होने के बाद भी प्रशासन कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। मैजापुर चीनी मिल द्वारा छोड़े जा रहे विषैले व गंदे पानी से तालाब में पाली गई मछलियों की हो रही मौत पर मत्स्यजीवी सहकारी समिति के अध्यक्ष गुरु चरन पुत्र रामगिरि ने उपजिलाधिकारी कर्नलगंज को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि कुछ दिन पूर्व सर्वांगपुर स्थित बमडेरा तालाब जो लगभग 14 हेक्टयर है जिसका मत्स्यजीवी सहकारी समिति सर्वांगपुर को पट्टा आवंटित किया गया था। उक्त तालाब में मछली पालन हेतु समिति द्वारा बैंक से कर्ज लेकर मछली पालन का कार्य शुरू किया गया था। बीते 09 फरवरी 2022 को मैजापुर मिल प्रबंधन द्वारा छोड़ा गया गंदा व विषैला पानी पट्टाशुदा तालाब में भर गया, जिस कारण तालाब में पल रही मछलियां मरने लगी। जिससे मत्स्य पालन समिति को काफी नुकसान हुआ है। मिल प्रबन्धन के विरुद्ध कार्यवाही की गुहार व उचित मुआवजे की मांग करते हुए समिति के अध्यक्ष गुरुचरन ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर समिति को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाय।जबकि इस गंभीर मामले में सम्पूर्ण जानकारी होने के बाद भी प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में है और उसके कानों में जूं नहीं रेंग रही है। जिससे मिल प्रशासन के तानाशाही पूर्ण रवैए के चलते किसानों की फसलों का नुकसान होने के साथ ही जीव जंतु भी इसकी चपेट में आकर अपनी जिंदगी से हाथ धो रहे हैं। यही नहीं विषैले पानी से स्थानीय लोग भी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जो मिल प्रशासन को सवालिया कटघरे में खड़ा कर रहा है।