पटना पुलिस ने निचली अदालत में दावा किया है कि नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) यूजी (अंडर ग्रेजुएट) का प्रश्नपत्र लीक हो गया था।
पेपर लीक के बाबत पांच मई को शास्त्री नगर थाने में दर्ज कांड संख्या 358/24 के अनुसंधानकर्ता सह दारोगा तेज नारायण सिंह ने छह प्राथमिकी और सात अप्राथमिकी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए पटना सदर कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (नौ) की अदालत में अग्रसारण प्रतिवेदन दिया था।
इसमें अनुसंधानकर्ता ने लिखा है कि प्राथमिकी एवं अप्राथमिकी अभियुक्तों ने नीट का प्रश्नपत्र लीक कर कदाचार किया। पुलिस के पास आरोप-पत्र समर्पित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। प्राथमिकी आइपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 407/408/409/120 (बी) के तहत की गई है।
एसपी के नेतृत्व में बनी एसआइटी एसएसपी राजीव मिश्रा ने एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) का गठन किया गया है। इसका नेतृत्व सिटी एसपी (सेंट्रल) चंद्र प्रकाश करेंगे। टीम में दो डीएसपी संवर्ग के अधिकारियों के अलावा छह इंस्पेक्टर और तकनीकी सेल की टीम को शामिल किया गया है।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस सभी अभियुक्तों को बारी-बारी से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। संजीव सिंह और राकी की सरगर्मी से तलाश पेपर लीक गिरोह के सरगना संजीव सिंह और राकी की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। दोनों नालंदा जिले के रहने वाले हैं। वहां की पुलिस से संपर्क कर इनके रिश्तेदारों के घर के पते और ठिकानों के बारे में जानकारी ली जा रही है। पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश देने की तैयारी में है।
इधर, संजीव सिंह और गिरोह के बारे में जानकारी लेने के लिए एसआइटी उसके बेटे डा. शिव कुमार को भी रिमांड पर ले सकती है। डा. शिव को आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बीपीएससी शिक्षक बहाली के तीसरे चरण का पेपर लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया था। संजीव का भी आपराधिक इतिहास रहा है।
बैंक अधिकारियों से होगी पूछताछ
पटना पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। जिस बैंक में प्रश्नपत्र रखे गए थे, वहां किसकी प्रतिनियुक्ति थी। कस्टोडियन और वहां प्रतिनियुक्त कर्मियों एवं अधिकारियों की जानकारी लेने के लिए अनुसंधानकर्ता की ओर से संबंधित बैंक के वरीय अधिकारी को सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 91 के तहत नोटिस भेजेगी।
बताया गया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की ओर से परीक्षा के प्रश्नपत्र बैंक को उपलब्ध कराया जाता है, जिसे कड़ी सुरक्षा में स्ट्रांग रूम में रखने का प्रविधान है। वहां से जिला प्रशासन के दंडाधिकारी की निगरानी में प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाए जाते हैं। चूंकि, परीक्षा केंद्रों पर जाने से पहले ही प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों तक पहुंच गए थे। ऐसे में कयास है कि प्रश्नपत्र स्ट्रांग रूम से भी लीक हो सकते हैं।
एनटीए से भी जानकारी लेगी पुलिस
एसआइटी मुख्यालय की अनुमति के बाद दिल्ली स्थित एनटीए के कार्यालय में जाकर जानकारी लेगी। प्रश्नपत्र तैयार करने से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया जानने के बाद बैंक अधिकारी को नोटिस भेजी जाएगी।
एक वरीय पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि प्रश्नपत्र किस स्तर पर लीक किए गए थे। प्रश्नपत्र तैयार करने से परीक्षा तक की जानकारी मिलने के बाद उन सभी स्थानों पर एसआइटी जाकर जांच करेगी, जहां से पेपर गुजरता है। वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के साथ प्रतिनियुक्त जवानों का ब्योरा भी खंगाला जाएगा।