लखनऊ में बिजनौर इलाके में किसान पथ पर रविवार दोपहर पंचर के बाद खड़े डंपर में पीछे से एक तेज रफ्तार कंटेनर जा घुसा। हादसे में पंचर बना रहे डंपर चालक और कंटेनर के चालक व क्लीनर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि डंपर का खलासी गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को एपेक्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। हालत नाजुक बनी हुई है।
हमीरपुर के मौदहा के माचा गांव निवासी शफीक अहमद 40 रविवार को मौंरंग भरा डंपर अयोध्या की तरफ से लेकर जा रहे थे। उनके साथ उन्नाव के सोहरामऊ हीराखेड़ा निवासी खलासी रामसेवक भी थे। वह किसान पथ पर अलीखुर्द गांव के पास पहुंचे ही थे कि डंपर का आगे बायें वाला टायर पंचर हो गया। शफीक और रामसेवक टायर बदलने लगे। तभी पीछे से डंपर में बहुत तेज रफ्तार में आ रहा कंटेनर टकराया। जिससे डंपर आगे बढ़ा और उसका पहिया शफीक के ऊपर चढ़ गया। रामसेवक भी चपेट में आ गए। वहीं अलवर राजस्थान निवासी कंटेनर चालक महेंद्र जांगिड़ 33 और क्लीनर राजू सैनी 40 केबिन में फंस गए। पुलिस व दमकल की टीम ने रेस्क्यू कर दोनों को निकाला। चारों को ट्रामा में ल गए। जहां डॉक्टरों ने शफीक, महेंद्र और राजू को मृत घोषित कर दिया। रामसेवक का इलाज जारी है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं।
सड़क पर लेटकर टायर खोलते वक्त ही मारी टक्कर
शफीक और रामसेवक जैक लगाकर ट्रक का अगला हिस्सा ऊपर उठाया। उसके बाद शफीक पहिया खोलने के लिए सड़क पर लेट गए। वह नट-बोल्ट खोलना शुरू ही किया था कि तभी कंटेनर आकर डंपर में घुस गया। वही पहिया उनके ऊपर चढ गया। पास में रामसेवक भी बैठे थे। वह भी चपेट में आ गए। किसी को वक्त ही नहीं मिला कि वह बचने की कोशिश तक कर पाता।
एक घंटे फंसे रहे चालक और क्लीनर
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कंटेनर का केबिन पिचक गया था। जिसमें महेंद्र व राजू फंस गए थे। राहगीर तमाम प्रयास के बाद भी उनको निकाल नहीं सके। करीब एक घंटे तक दोनों फंसे रहे। पुलिस व दमकलकर्मियों ने केबिन काटकर दोनों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पूरा केबिन खून से लाल पड़ा था।
सीमा विवाद में फंसी रही पुलिस
हादसे की सूचना पर बिजनौर और पीजीआई दोनों थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिस एक दूसरे के क्षेत्र में घटनास्थल का हवाला देकर पल्ला झाड़ने लगी। इससे रेस्क्यू में भी देरी हुई। कुछ देर बाद एसीपी कृष्णानगर विनय द्विवेदी पहुंचे। उन्होंने तत्काल बिजनौर पुलिस को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। तब सभी को अस्पताल पहुंचाया गया।