#मुलाकात से लेकर सरकार तक…जेल में रहकर सीएम केजरीवाल को क्या-क्या काम करने पड़ेंगे?#

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज से अगले 14 दिन तक तिहाड़ जेल में रहेंगे. यानी 15 अप्रैल तक उनका नया पता तिहाड़ जेल ही रहेगा. उन्हें 2 नंबर जेल में रखा जाएगा. अब लोगों को सबसे बड़ा सवाल ये परेशान कर रहा है कि दिल्ली की सरकार कैसे चलेगी. अरविंद केजरीवाल को जेल से काम करने की अनुमति मिलेगी या नहीं.

तिहाड़ जेल में AAP के कई नेता
ध्यान देने वाली बात यह है कि जिस जेल में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को रखा गया था, उसी में केजरीवाल को भी शिफ्ट किया गया है. संजय सिंह को अभी जेल नंबर 5 में रखा गया है. अरविंद केजरीवाल जेल नंबर 2 में अकेले रहेंगे. बताते चलें कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया जेल नंबर 1 में हैं. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन जेल नंबर 7 में हैं और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जेल नंबर 5 में हैं.

जेल नंबर 2 में 24×7 सीसीटीवी निगरानी
बता दें कि तिहाड़ के जेल नंबर 2 में 24×7 सीसीटीवी निगरानी रहेगी. केजरीवाल को बिस्तर, पीने का पानी और गर्मी से बचाव के लिए एक कूलर मिलेगा. केजरीवाल को हेल्थ से जुड़ी सुविधाएं भी मिलती रहेंगी. स्वास्थ्य को देखते हुए केजरीवाल के लिए अलग डाइट और अन्य जरूरतों की भी मांग की गई है.

सामान्य कैदियों की तरह रहेंगे केजरीवाल
तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल के दिन की शुरुआत सुबह 6:30 बजे होगी. ब्रेकफास्ट के बाद केजरीवाल अपने कानूनी सलाहकारों के साथ बैठकें कर सकेंगे. सुबह करीब 10.30 बजे उन्हें चावल, सब्जी, 5 रोटी और दाल मिलेगी. दोपहर 3.30 बजे उन्हें चाय और बिस्किट दिया जाएगा. उन्हें शाम 4 बजे मुलाकातियों और वकीलों से मिलने की अनुमति दी जाएगी. दिल्ली के सीएम को शाम 5.30 बजे एक बार फिर चावल, सब्जी, 5 रोटी और दाल मिलेगी और 6-7 बजे के बीच उन्हें अपने सेल में लौटना होगा.

जेल से दिल्ली की सरकार नहीं चल सकती?
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि जेल से दिल्ली की सरकार नहीं चल सकती. केजरीवाल कोई बैठक भी नहीं कर पाएंगे. केजरीवाल से एक बार में सिर्फ तीन लोग ही मिल पाएंगे. उन्हें सामान्य कैदियों की तरह रहना होगा, कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं मिलेगी. 12:30 के बाद केजरीवाल किसी से मुलाकात नहीं कर सकेंगे. मुलाकात के दौरान लोहे की जाली बीच में होगी. इसके साथ ही केजरीवाल को जेल में बैठक और फाइल निपटाने की इजाजत भी नहीं है.

क्या कहता है कानून..
नियम-कानून की बात करें तो भारत के राष्ट्रपति और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल एकमात्र संवैधानिक पद धारक हैं जो कानून के अनुसार अपना कार्यकाल समाप्त होने तक नागरिक और आपराधिक कार्यवाही से अछूते हैं. लेकिन यह छूट प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को नहीं है. बता दें कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो किसी मुख्यमंत्री को जेल से काम करने से रोकता हो. कानून के अनुसार, किसी मुख्यमंत्री को केवल तभी अयोग्य ठहराया जा सकता है या पद से हटाया जा सकता है, जब वह किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है. अरविंद केजरीवाल के मामले में अभी तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है.