#Lok Sabha Election 2024: हार-जीत छोड़िए… PM मोदी ने तो अब मंत्रियों को अगले 5 साल का रोडमैप तैयार करने के लिए भी कह दिया#

लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह आश्वस्त हैं. उन्होंने अपने मंत्रियों से नई सरकार के अगले 100 दिन का एजेंडा तक पूछ लिया है. कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री ने मंत्रियों और नेताओं को अगले 5 साल के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए कहा है. सूत्रों की मानें तो बैठक में पीएम मोदी आगामी लोकसभा चुनाव में जीत के प्रति आश्वस्त दिखे. उन्होंने बैठक में मंत्रियों को अगली सरकार में काम पर फोकस रहने का इशारा किया.

मंत्रियों को पीएम मोदी का निर्देश
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मंत्रियों से कहा कि वे नई सरकार के लिए पहले 100 दिनों और अगले पांच सालों के लिए रोडमैप का मसौदा तैयार करें. रविवार सुबह कैबिनेट बैठक में पीएम मोदी ने मंत्रियों से अपने-अपने मंत्रालयों के सचिवों और अन्य अधिकारियों से मिलकर चर्चा करने के लिए कहा.

पांच साल का रोडमैप तैयार करने के लिए कहा..
उन्होंने मंत्रियों से पूछा कि 100 दिनों और अगले पांच वर्षों के एजेंडे को बेहतर ढंग से कैसे लागू किया जा सकता है. यह बैठक चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 के कार्यक्रम की घोषणा के एक दिन बाद सामने आई है. कैबिनेट ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चुनाव आयोग की सिफारिश भेजकर सात चरण के संसदीय चुनावों की तारीखों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया भी शुरू की. बता दें कि पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को 102 सीट पर मतदान के लिए पहली अधिसूचना 20 मार्च को जारी की जाएगी. अधिसूचना जारी होने के साथ ही उस चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

पीएम मोदी का काम पर फोकस
इससे पहले तीन मार्च को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘विकसित भारत : 2047’ के लिए दृष्टि पत्र और अगले पांच वर्ष के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पर मंथन किया गया था. उस बैठक में, मई में नयी सरकार के गठन के बाद तुरंत उठाए जाने वाले कदमों के लिए 100 दिवसीय एजेंडे और उसके शीघ्र क्रियान्वयन के बारे में चर्चा की गई थी.

‘विकसित भारत’ के लिए ‘रोडमैप’
सूत्रों ने तब कहा था कि ‘विकसित भारत’ के लिए ‘रोडमैप’ दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है. सूत्रों ने कहा था कि इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग संगठनों, नागरिक संस्थाओं, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श तथा युवाओं के सुझावों को समाहित करते हुए ‘सरकार का समग्र’ दृष्टिकोण शामिल है. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा था, ‘अलग-अलग स्तरों पर 2,700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए. 20 लाख से अधिक युवाओं से सुझाव प्राप्त हुए.’