‘जिंदा शहीद’ के नाम से विख्यात, पूर्व कैबिनेट मंत्री और ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष व कई आंतकी हमले झेले एमएस बिट्टा ने सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में मत्था टेका। उन्होंने हिंदू आस्था के केंद्र ज्ञानवापी में स्थित व्यास जी के तलगृह में विराजमान विग्रहों का भी झांकी दर्शन किया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर आने से पूर्व बिट्टा ने काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के दरबार में भी विधि-विधान से पूजन अर्चन किया।
विश्वनाथ मंदिर से दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान बिट्टा ने कहा कि बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। बाबा से कामना की है कि अयोध्या के बाद अगला मिशन काशी और मथुरा रहेगा। ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित व्यास जी तहखाने में स्थापित विग्रहों के झांकी दर्शन करके प्रण लिया है कि अब यहां तब हम आएंगे जब ज्ञानवापी जी का दर्शन होगा और अयोध्या की तरह यहां भी भव्य मंदिर बनेगा।
बोले- कोर्ट के फैसले का मुस्लिमों ने किया था सम्मान
बिट्टा ने कहा कि आज जब दर्शन करने गया तो लोग बता रहे थे कि अंदर और भी ज्योर्तिलिंग है। हिंदू धर्म को वो भी मिलनी चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हुआ और मुस्लिमों की तरफ से उसका स्वागत किया गया। सभी मुस्लिम बंधुओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया।
अब समय आ गया है कि अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर मुस्लिमों बंधुओं को आगे आना चाहिए। काशी और मथुरा के हिंदू मंदिर स्थान को छोड़कर सनातनियों को सौंप देना चाहिए। यह दुनिया के अंदर सेक्युलरिज्म का सबसे बड़ा सबूत होगा।
पाकिस्तान पर भी बोले पूर्व कैबिनेट मंत्री
उन्होंने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि वो भारत में हिंदू-मुस्लिम के बीच झगड़ा लगाकर देश की अखंडता को तोड़ना चाहता है, लेकिन भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी समेत तमाम धर्मों के लोग एक साथ सदियों से रहते आए हैं और आगे भी सदियों तक रहेंगे। पाकिस्तान के नापाक हरकतों का तमाशा अब ज्यादा नहीं चलेगा। समय आने पर देश इनको जवाब देगा।