#आंखों देखी कासगंज ‘काल’ की कहानी: रीना-बीना बोलीं- सब गीत गा रहे थे, फिर राहुल कर बैठा ये चूक; गईं 22 जानें#

मुंडन संस्कार के चलते खुशी का मौका था, और गंगा स्नान का जेहन में उल्लास, इस मौके पर ट्रॉली में बैठीं महिलाएं ढोलक पर मंगल गीत गा रही थीं। तभी बेकाबू होकर ट्रैक्टर-ट्रॉली खाई में गिरी तो ढोलक छिटक गई और गीत चीखों में बदल गई। चेहरे पर खुशियों की जगह पीड़ा और दुख के भाव चारों ओर फैल गए।
हादसे में ओमप्रकाश की पुत्री रीना (15) और बीना (12) की जान किसी तरह बच गई। गांव पहुंचने पर इन्होंने बताया कि गांव के ही बच्चे का मुंडन था। खुशी-खुशी इस संस्कार में शामिल होने और गंगा स्नान के लिए ट्रॉली में बैठे थे। करीब एक घंटे का सफर काफी सुखद रहा। सब आपस में हंस-बोल रहे थे और मंगल गीत गाए जा रहे थे। जिस बच्चे का मुंडन होना था, उसकी मां सपना ढोलक बजा रही थी। तभी अचानक पीछे से एक ट्रैक्टर आया, तो दोनों में रेस लग गई।
इस होड़ में चालक राहुल अपने ट्रैक्टर से नियंत्रण खो बैठा। इसी दौरान ट्रैक्टर पुलिया से नीचे तालाब में जा गिरा। हम दोनों बहनें ट्रॉली से दूर तालाब में पानी में गिरीं। सदमे और चोटों की वजह से निकल नहीं पा रही थीं। आसपास के लोग आने लगे। जिन्होंने फंसे लोगों को निकालना शुरू किया।
हमें निकालकर किनारे पहुंचा दिया गया। तभी रीना बेहोश हो गई। यहां से पुलिस ने अपनी गाड़ी से पटियाली के अस्पताल पहुंचाया। इलाज के बाद रीना को होश आ गया। खबर मिलने पर हमारे परिजन अस्पताल पहुंच गए और हम दोनों को घर ले आए। रीना के अंदरूनी चोटें आई हैं। जबकि साथ में गई हम लोगों की चाची श्यामलता की मृत्यु हो गई।
10 मिनट सताता रहा मौत का खतरा
दोनों बहनों ने बताया कि ट्रॉली से उछलकर किनारे में गिरीं तो चोटों के साथ सदमा भी लगा था। पानी में फंसे हुए थे। कोई बचाने वाला नजर नहीं आ रहा था। चीख-पुकार पर आसपास के लोग आना शुरू हुए। जिनमें से कुछ लोगों ने पानी के अंदर घुसकर घायलों को निकालना शुरू किया। करीब 10 मिनट तक हम दोनों बहनें कराहती-चिल्लाती रहीं। तब कहीं जाकर हमारा नंबर आया और हमें निकाला गया। इन 10 मिनट में कई बार मौत का खतरा सताता रहा।