#राजद के तीन विधायकों ने बदला पाला, नीतीश के समर्थन में वोटिंग से क्या जाएगी इनकी सदस्यता? ये है नियम#

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने एनडीए गठबंधन के पक्ष में मतदान करने वाले 130 विधायकों का समर्थन हासिल कर बिहार फ्लोर टेस्ट जीत लिया है। विश्वास मत पर विपक्ष के वॉकआउट के बीच क्रॉस वोटिंग हुई, जब राष्ट्रीय जनता दल के तीन विधायकों ने भी नीतीश कुमार के समर्थन में वोट किया।

स्पीकर को पद से हटाने के लिए प्रस्ताव
बिहार में नीतीश सरकार के विश्वासमत पर वोटिंग से पहले स्पीकर को पद से हटाने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के आरजेडी से विधायक होने के कारण उन्हें पद से हटाया गया है। इसके लिए सदन में वोटिंग हुई, जिसमें 125 विधायकों ने सरकार के समर्थन में और 112 वोट प्रस्ताव के विरोध में पड़े।

राजद के तीन विधायकों ने बदला पाला
वहीं बिहार फ्लोर टेस्ट में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव राज्य विधानसभा में जाकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गए। राजद के तीन विधायकों के एनडीए में जाने पर क्या उनकी विधायकी जाएगी? क्योंकि जब किसी दल का कोई विधायक क्रॉस वोटिंग करता है तो उसपर दल-बदल विरोधी कानून के नियम लागू होते हैं।

पाला बदलने वाले विधायकों का क्या होगा?
साल 1985 में संविधान में संशोधन के बाद ‘दल-बदल विरोधी कानून’ पारित किया गया था। इस कानून का उद्देश्य नेताओं के पार्टी बदलने और हॉर्स ट्रेडिंग रोकना था। दल-बदल विरोधी कानून के प्रावधान के अनुसार, यदि किसी सदस्य द्वारा सदन में पार्टी के पक्ष के विपरीत वोट करता है तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है। राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने नीतीश कुमार के पक्ष में वोट करके अपनी विधायकी को खतरे में डाल दिया है।

वोटिंग से अनुपस्थित रहने वालों के लिए नियम
दल-बदल विरोधी कानून के प्रावधान के अनुसार, यदि कोई विधायक अपनी मर्जी से पार्टी की सदस्यता छोड़ दे तो उसकी सीट छिन सकती है। अगर कोई विधायक जानबूझकर मतदान से अनुपस्थित रहता है या फिर पार्टी द्वारा जारी निर्देश के खिलाफ जाकर वोट करता है तो उसे अपनी विधायकी गवानी पड़ सकती है। वहीं कोई निर्दलीय विधायक किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

राजद के कार्यकाल में हुआ भ्रष्टाचार
राजद के तीन विधायकों के एनडीए में जाने पर राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि जनता उन्हें दोबारा विधायक नहीं बनाएगी। वहीं विधानसभा को संबोधित करते हुए, नीतीश कुमार ने अपने पूर्व महागठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल पर कटाक्ष किया और कहा कि राष्ट्रीय जनता दल पूर्वी राज्य में अपने शासन के दौरान ‘भ्रष्ट आचरण’ में लिप्त था। मौजूदा एनडीए सरकार इनकी जांच कराएगी।

सदन में मौजूद थे तीनों विधायक
राजद विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव को बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष की बेंच पर बैठे देखा गया, जिससे विपक्ष को झटका लगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि विधायकों को वोटिंग खत्म होने तक अपनी-अपनी सीटों पर बैठना चाहिए, अन्यथा वोटिंग अवैध मानी जाएगी।

एनडीए के पास बहुमत
बता दें कि इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने पर नीतीश कुमार नाराज थे। उन्होंने 28 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। यह उनका 18 महीने से भी कम समय का कार्यकाल था। 243 सदस्यीय सदन में जदयू के 45 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी भाजपा 79 और और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (एचएएम-एस) के पास चार विधायक हैं। एनडीए के पास 128 विधायकों का समर्थन है और राज्य विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है।