#बरेली शहर में आर्यिका रत्न 105 श्री सृष्टि भूषण माता जी व आर्यिका श्री विश्व यशमति माताजी जब से शहर में पधारी हैं#

बरेली शहर में आर्यिका रत्न 105 श्री सृष्टि भूषण माता जी व आर्यिका श्री विश्व यशमति माताजी जब से शहर में पधारी हैं, श्रद्धालुओं के उद्धार के लिए अध्यात्म और संस्कृति के संस्कारों से उन्हें ओत प्रोत कर रही हैं।


इसी श्रंखला में आज प्रातः काल वो बिहारीपुर जैन मंदिर पहुंची और वहां पर रिद्धि-सिद्धि विधान कराया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा देश सूरज व चांद पर पहुंच रहा है और हम विदेशी संस्कृति को आधुनिकता का मानदंड मान अपना रहे हैं, हमारे देश में वैशाख में बैसाखी के गीत, फागुन में होली के गीत और भादो में वर्षा के गीत गाए जाते थे, आज हम अपने बच्चों को भारत के संस्कार ना देकर उनका जन्मदिन हैप्पी बर्थडे कह और केक काट के मनाते हैं, जबकि बच्चों से संस्कारों का दीपक मंदिर जी में जलवाओगे तो वृद्धावस्था में वृद्ध आश्रम नहीं जाना पड़ेगा। मीडिया प्रभारी सौरभ जैन ने बताया की इसके बाद माता जी का आहार भूपेंद्र और राजेश जैन के घर बिहारीपुर में हुआ, छोटी माताजी आहार बाहर का खान-पान करने वालों से नहीं लेती, जूट की रस्सी पर सूखे वस्त्र, स्टील के डिब्बे में लेकर श्रद्धालु पहुंचे, उन्ही से माता जी ने आहार लिया।
दोनों माताजी 24 घंटे में एक बार ही सूर्य की रोशनी में ही आहार और जल लेती हैं। गैस के बजाय अंगीठी पर पके भोजन को ही ग्रहण करती हैं। माता जी 29 वर्षों से इन नियमों का पालन कर रही हैं।
सायं काल में मंदिर जी में हुए प्रभु भक्ति कार्यक्रम में भोपाल से आए संगीतकार मनीष रंगीला जी ने भजनों ने समां बांध दिया।
विधान और अन्य कार्यक्रम में, प्रकाश चंद्र जैन, संजय जैन, सुभाष जैन, राशि जैन, कुनाल जैन, अर्चना जैन, सुनीता जैन, सतेंद्र जैन, सुमन कुमार जैन, राम कुमार जैन, आर.सी.जैन, अनिल जैन, मीनेश जैन आदि ने हिस्सा लिया।

संवाददाता सुमित श्रीवास्तव की रिपोर्ट