#मंत्रियों के विभाग बंटवारे में आखिर कहां फंसा है पेंच, मलाईदार विभागों के लिए शुरू हुई दौड़धूप#

राजस्थान में 30 दिसंबर 2023 को भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो गया है, लेकिन अब तक मंत्रियों को विभाग नहीं बांटे गए हैं। इसी बीच मंत्रियों ने वजनदार मंत्रालयों पाने के लिए जयपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ धूप करना शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी मंत्रिमंडल के गठन के 5-6 दिन बाद विभागों का बंटवारा हुआ था। ऐसे में राजस्थान में भी विभागों के बंटवारे में कुछ दिन का समय लगने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि विभागों के बंटवारे का एलान एक से दो दिन में होना संभव है। हालांकि इस पर करणपुर चुनाव की छाया साफ दिख रही है। यहां से सरकार ने भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मतदान से 6 दिन पहले मंत्री बनाकर चौंकाया था। चुनाव के कारण ही विभाग होल्ड पर हैं। यहां के परिणाम की विभाग बंटवारे में अहम भूमिका होगी। करणपुर में मतदान 5 और मतगणना 8 जनवरी को होगी। जानकारों का कहना है कि अगर अभी विभागों का बंटवारा किया जाता है, तो यह आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि करणपुर सीट पर रिजल्ट घोषित होने के बाद ही मंत्रियों को विभाग का बंटवारा किया जा सकता है।

मलाईदार विभाग की जोड़ तोड़ में लगे मंत्री
राजस्थान सरकार में कुछ ऐसे विभाग हैं, जो सबसे अहम माने जाते हैं। इनमें गृह, नगरीय विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, बिजली, जलदाय, खनिज, उद्योग, परिवहन, कृषि, सहकारिता और राजस्व विभाग शामिल हैं। इन विभागों को ‘मलाईदार’ विभाग माना जाता है। मंत्रिमंडल में शामिल हर मंत्री चाहते हैं कि उन्हें बड़े विभाग मिलें ताकि करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट उनकी देखरेख में हों। बताया जा रहा है कि शपथ के बाद कई मंत्री दिल्ली तक इस लॉबिंग में जुट गए हैं। पसंदीदा विभाग लेने के लिए अलग-अलग संपर्क तलाशे जा रहे हैं।

ये मंत्री हैं बड़े विभाग की दौड़ में
भजनलाल सरकार में दो डिप्टी सीएम को छोड़कर 12 कैबिनेट मंत्री बनाए हैं। कैबिनेट मंत्रियों को बड़े और महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिलनी लगभग तय है। इन मंत्रियों में प्रमुख रूप से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह खींवसर, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैया लाल चौधरी और सुमित गोदारा का नाम शामिल है। दूसरी ओर स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री संजय शर्मा, गौतम कुमार दक, झाबर सिंह खर्रा, हीरालाल नागर के अलावा सुरेंद्रपाल सिंह टी.टी. का नाम शामिल है। स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री भी बड़ी जिम्मेदारी के लिए दौड़ में शामिल हैं।
गृह विभाग के लिए दो वरिष्ठ मंत्री इस दौड़ में मजबूती से बने हुए हैं। एक ने तो कानून-व्यवस्था पर बयान देकर संकेत भी दिए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से एक को गृह, तो दूसरे को चिकित्सा विभाग मिल सकता है। उधर, यूडीएच से लेकर पीडब्ल्यूडी का कॉम्बो बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए जयपुर से ही जुड़े बड़े चेहरे को मौका दिया जा सकता है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज भी बड़े चेहरे को मिलने की उम्मीद है।

सीएम भजनलाल के पास हो सकते हैं ये विभाग
जानकारों का कहना है कि गृह और वित्त जैसे बड़े विभाग पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री के पास रहे थे। हालांकि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में गुलाबचंद कटारिया गृह मंत्री थे। इस बार वित्त विभाग तो मुख्यमंत्री के पास रहने की संभावना है, जबकि गृह विभाग का जिम्मा कैबिनेट मंत्री को दिया जा सकता है, ताकि प्रदेश के कानून व्यवस्था की सही मॉनिटरिंग हो सके। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में पूरे पांच साल तक गृह विभाग सीएम के पास ही था। ऐसे में भाजपा ने कई बार सवाल भी उठाए थे।

मोदी-शाह 5 से 7 जनवरी में आ सकते हैं राजस्थान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह 5 से 7 जनवरी के बीच राजस्थान के दौरे पर आ सकते हैं। राजस्थान में वे 58वें पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक सम्मेलन में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि राजस्थान आने के बाद वह मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि मंत्रालय के बंटवारे पर फैसला पहले ही हो गया है और सूची भी तैयार हो गई है, लेकिन चुनाव के चलते इसे रोका गया है और पीएम मोदी और शाह मंत्रियों से मिलकर उन्हें लोकसभा चुनाव के अनुरूप काम करने की सलाह भी देंगे।