#Israel Hamas war: ‘पैर कटवाओ या मरने के लिए तैयार रहो..’, युद्ध से ‘अपंग’ हुआ गाजा का हेल्थ सिस्टम#

इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध से सबसे ज्यादा नुकसान सीमाई क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों का हो रहा है. युद्ध के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित गाजा में लोगों का जीना मुश्किल हो गया. गाजा में बुनियादी सुविधाओं से कट गए हैं. हेल्थ सिस्टम इस कदर प्रभावित हुआ है कि उपचार की व्यवस्था न होने के कारण घायलों को अपने अंग कटवाने पड़ रहे हैं.

कटवाना पड़ा पैर
इजराइली हवाई हमले में घायल हुई 22 वर्षीय शाइमा नाबाहिन के सामने उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया जब चिकित्सकों ने उसे दो विकल्प दिए – या तो अपना बायां पैर कटवा लो या फिर मरने के लिए तैयार रहो. इजराइली हवाई हमले में उसका टखना कुचला गया था और शाइमा को लगभग एक सप्ताह तक गाजा में अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था. चिकित्सकों ने बताया कि उसके खून में जहर फैल गया .

जीवित रहने का विकल्प चुना
चिकित्सकों द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से शाइमा ने जीवित रहने का विकल्प चुना और अपने पैर को घुटने से नीचे 15 सेंटीमीटर (छह इंच) कटवाने पर राजी हो गई. इस फैसले ने विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा के जीवन को पूरी तरह से बदलकर रख दिया. गाजा में युद्ध में घायल हजारों लोगों को इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.

डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा?
मुख्य शहर दीर अल-बलाह स्थित अल अक्सा शहीद अस्पताल में अपने बिस्तर पर लेटी नबाहिन ने कहा, “मेरा पूरा जीवन बदल गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं एक कदम भी उठाना चाहूं या कहीं जाने की कोशिश करूं तो मुझे किसी की मदद की जरूरत पड़ती है.” हमास द्वारा संचालित गाजा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजराइल हमास युद्ध के दौरान लोगों का अंग विच्छेद किया जाना आम बात हो गई है. उन्होंने कहा कि दीर अल-बलाह के अस्पताल में हाल ही में कई लोगों के अंगों को काटना पड़ा, जिनमें दर्जनों लोगों का अभी इलाज चल रहा है.

बुनियादी उपकरणों की कमी
विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ मामलों में उचित इलाज से अंगों को बचाया जा सकता था. लेकिन इजराइल के कई हफ्तों के हवाई और जमीनी हमले के बाद गाजा के 36 अस्पतालों में केवल नौ अस्पताल अभी संचालित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनमें बहुत भीड़ है, इलाज की सीमित व्यवस्था है और सर्जरी करने के लिए बुनियादी उपकरणों की कमी है. डब्ल्यूएचओ के अधिकारी शॉन केसी ने कहा कि ऐसे मामलों में सबसे पहले इलाज उपलब्ध कराने वाले वैस्क्यूलर सर्जन की कमी के कारण अंगों को काटने के मामले बढ़ने की आशंका है. केसी ने हाल ही में गाजा के कई अस्पतालों का दौरा किया था.