#सपा के पूर्व मंत्री के रिश्तेदार सहित ग्यारह लोगों को नगर पालिका ने दी नोटिस नोटिस से कब्जेदारों में मचा हड़कंप,डीएम से मिले पीड़ित#
गोण्डा। नजूल की जमीन को बिना फ्री होल्ड कारण मकान बना लेने के मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री रहे योगेश प्रताप सिंह के रिश्तेदार सहित ग्यारह लोग फंस गए हैं। नगर पालिका प्रशासन ने सभी को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने को कहा है। पालिका प्रशासन की नोटिस से कब्जेदारों में हड़कंप मचा है। वहीं पालिका की नोटिस मिलने के बाद मंगलवार को इस कालोनी में रहने वाले लोगों ने जिलाधिकारी को पत्र देकर नोटिस को रद्द कराए जाने और समस्या के निस्तारण कराने की मांग की है। नगर पालिका परिषद के अन्तर्गत कई मोहल्ले में लोगों ने नजूल की जमीन पर आशियाना बनकर रहना शुरू कर दिया है। शहर में शायद ही कोई ऐसी मोहल्ला हो जहां पर मकान बनाकर लोग रह ना रहे हों। ऐसा ही एक मामला वाल्मीकि कॉलोनी का है। इस कालोनी में करीब 250 मकान बने हैं। कई परिवार पीढ़ियों से यहां रहते आ रहे हैं। इन्ही में सपा के पूर्व मंत्री रहे योगेश प्रताप सिंह के रिश्तेदार डाक्टर डीपी सिंह का मकान भी है। अधिकतर परिवार वाल्मीकि समाज के हैं और वह नगर पालिका के कर्मचारी भी हैं। अब पालिका परिषद ने इस जमीन को नजूल की जमीन बताकर यहां रह रहे लोगों को जमीन खाली करने का निर्देश दिया है। पालिका परिषद की तरफ से 11 लोगों को नोटिस जारी की गई है। जिसमें डाक्टर डीपी सिंह समेत सोमनाथ, अकबर अली, मकसूद, अमित शुक्ल, कृष्ण कुमार शुक्ल, गीता, शिवकुमार, राम दयाल, मीना व बबली का नाम शामिल है। नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी की तरफ से अकबर अली व अन्य को दी गई नोटिस में कहा गया है कि सिविल लाइन छावनी सरकार के उत्तरी छोर पर वाल्मीकि मोहल्ले में रहने वाले लोगों ने अवैध रूप से नजूल की जमीन पर पक्का मकान बना लिया है। इसकी रिपोर्ट नजूल प्रभारी ने दी है। ऐसे में सभी लोग नजूल की जमीन को खाली कर दें। ऐसा न करने पर अभियान चलाकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका की नोटिस मिलने के बाद यहां रहने वाले परिवारों में हड़कंप मच गया है। यहां रह रहे लोगों का कहना है कि वह लोग कई पीढ़ी से यहां मकान बनाकर रह रहे हैं। बाकायदा नगर पालिका परिषद को टैक्स भी दे रहे हैं। अचानक नगर पालिका परिषद की ओर से जगह खाली करने के लिए नोटिस भेज दी गई है,जिससे वह लोग परेशान हैं।यहां पर रहने वाले अधिकतर लोग नगर पालिका परिषद के कर्मचारी भी हैं। जो सफाई आदि का कार्य करते हैं। मंगलवार को इन लोगों ने जिलाधिकारी को पत्र देकर नोटिस को रद्द कराए जाने और समस्या के निस्तारण कराने की मांग की है।