#Baba Balaknath: राजस्थान के मुख्यमंत्री की दौड़ में अचानक क्यों पिछड़े बाबा बालकनाथ? जानिए इसके तीन बड़े कारण#
राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में आगे चल रहे बाबा बालकनाथ ने खुद से इससे बाहर कर लिया है। शनिवार को उन्होंने बयान देते हुए कहा- भाजपा और पीएम मोदी के नेतृत्व में जनता ने पहली बार सांसद और विधायक बनाकर देश की सेवा करने का अवसर दिया है। मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजर अंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।
बता दें कि बाबा बालकनाथ विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे। पार्टी के आंतरिक सर्वे में भी उनकी दोवदारी बहुत मजबूत बताई गई थी। चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उनकी दावेदारी और मजबूत हो गई। तीन दिसंबर के बाद से वे अमित शाह और जेपी नड्डा से भी लगातार मुलाकात कर रहे थे। ऐसे में उनके मुख्यमंत्री बनने की चर्चाओं ने और जोर पकड़ा, लेकिन अब बाबा बालकनाथ ने बयान देकर इन बातों को खारिज कर दिया। आइए, जानते हैं बाबा के सीएम नहीं बनने के तीन कारण?
पहला: बाबा बालकनाथ ओबीसी वर्ग से आते हैं। राजस्थान के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में सीएम पद के सबसे मजबूत दावेदार प्रहलाद सिंह पटेल और वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान को माना जा रहा है। ये दोनों ही ओबीसी वर्ग से आते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा दो पड़ोसी राज्यों में एक ही समाज का मुख्यमंत्री नहीं देना चाहेगी।
दूसरा: बाबा बालकनाथ के राजनीतिक जीवन में अनुभव की कमी है। ये बात आज उन्होंने अपने बयान में भी स्वीकर की। बाबा बालकनाथ अब तक सिर्फ एक बार सांसद बने थे और विधायक हैं। इस हिसाब से देखें तो बाबा का राजनीतिक अनुभव सिर्फ पांच साल का है। अनुभव की कमी के कारण भी बाबा से सीएम की कुर्सी दूर चली गई।
तीसरा: राजस्थान के एक और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पहले से ही योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में अगर भाजपा राजस्थान में बाबा बालकनाथ को सीएम बनाती तो दो राज्यों के मुख्यमंत्री योगी होते। भाजपा हिंदुत्व की बात करती है, लेकिन दूसरी तरह सभी समाजों को साथ लेकर चलने और उनके विकास का दावा करती है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अगर, भाजपा बालकनाथ को सीएम बनाती तो पार्टी पर योगी राज को आगे बढ़ाने और कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करने का ठप्पा लग सकता था।
बाबा के बयान पर एक चर्चा ये भी
बाबा बालकनाथ ने मुख्यमंत्री की रेस से खुद को बाहर कर लिया, लेकिन उनके बयान को राजनीतिक स्टंट से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद से बालकनाथ मुख्यमंत्री बनने को लेकर चर्चा में बने हुए थे। ऐसे में यह बयान देकर उन्होंने खुद को लेकर हो रहीं चर्चाओं को रोकने का प्रयास किया है। बता दें कि सोमवार को यह साफ हो सकता है कि राजस्थान का नया मुख्यमंत्री कौन होगा?