#Disaster: दुनिया में आपदा से किसानों को हर वर्ष 10 लाख करोड़ का नुकसान, तीन दशक में 143 लाख करोड़ की मार#
खेती-किसानी पर साल दर साल आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की रिपोर्ट के अनुसार इन आपदाएं के चलते दुनिया भर के किसानों पर हर साल 10.2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की मार पड़ रही है। यह वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के करीब पांच फीसदी हिस्से के बराबर है। खेती में कम हुई रुचि, श्रमबल 40 से घटकर 27 फीसदी पहुंचा
धीरे-धीरे किसानों और कृषि श्रमिकों का खेती-किसानी से लगाव घट रहा है। यही वजह है कि पिछले 21 वर्षों में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों में गिरावट देखी गई है। जहां साल 2000 में करीब 102.7 करोड़ लोग यानी वैश्विक श्रमबल का करीब 40 फीसदी हिस्सा कृषि से जुड़ा था। यह 2021 में घटकर केवल 27 फीसदी रह गया। यानी अब केवल 87.3 करोड़ लोग अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं।
कीटनाशकों का उपयोग बढ़ा, घट रही है भू-उर्वरता
यदि 2000 से 2021 के बीच देखें तो कीटनाशकों के उपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है। इन 21 वर्षों में कीटनाशकों के वैश्विक उपयोग में करीब 62 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि 2021 में दुनिया भर के आधे कीटनाशकों की खपत केवल अमेरिका में हुई थी। कीटनाशकों बढ़ते उपयोग के कारण भू उर्वरता प्रभावित हुई है।
उत्पादकता 54 फीसदी बढ़ी लेकिन पौष्टिक आहार घटा
रिपोर्ट की गई अवधि के दौरान प्रमुख फसलों के उत्पादन में भी 54 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। यह 2021 में बढ़कर 950 करोड़ टन तक पहुंच गई है। इस उत्पादन में चार प्रमुख फसलों गेहूं, चावल, मक्का और गन्ना की करीब आधी हिस्सेदारी थी। एफएओ की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर खाद्य प्रणालियों की छुपी लागत करीब 1,057.7 लाख करोड़ रुपए है। इसमें भारत की हिस्सेदारी करीब 8.8 फीसदी की है। भारत में कृषि खाद्य प्रणालियों की छुपी लागत को देखें तो वो 91.6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। जो चीन और अमेरिका के बाद दुनिया में तीसरी सबसे अधिक है।