#100-100 रुपये के नोटों से ही हो गई गिरोह की पहचान, यूपी-बिहार में फैलाया था नेटवर्क, पुलिस को इस चीज की तलाश#
नकली नोटों की छपाई और तस्करी के मामले में एसटीएफ द्वारा गुरुवार को गिरफ्तार अनुराग सिंह और आयुष बाजपेयी से पूछताछ में टीम को कई अहम सुराग मिले हैं। उसके आधार पर एक टीम गिरोह के सरगना रामकृपाल की गिरफ्तारी के लिए रायबरेली पहुंची।
टीम रामकृपाल की तलाश में दबिश देने के साथ ही नोट छपाई की मशीन बरामदगी के लिए लगी है। वहीं, गिरोह के फरार अन्य सदस्यों की भी तलाश जारी है। एसटीएफ की तफ्तीश में पता चला है कि गिरोह ने पड़ोसी जनपदों के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वांचल में भी अपना नेटवर्क फैला रखा था।
गिरफ्तारी के बाद 496 नोट हुए थे बरामद
एसटीएफ ने गुरुवार को सरोजनी नगर से रायबरेली के सहजौरा के रहने वाले अनुराग सिंह और बंथरा औरावां के आयुष बाजपेयी को गिरफ्तार किया था। दोनों के पास से 100-100 रुपये के 496 नोट बरामद किए थे। ये नोट नकली थे।
नोट गिरोह के सरगना अमेठी फुरसतगंज के रहने वाले रामकृपाल के घर पर छापे जाते थे। आयुष और अनुराग ये नोट स्कूटर इंडिया के पास किसी को पहुंचाने जा रहे थे। अनुराग और आयुष पहले भी नकली नोटों की तस्करी और छापने के मामले में जेल जा चुके हैं। जेल से छूटने के बाद दोनों ने फिर नोटों की छपाई और तस्करी शुरू कर दी।