#कछुआ तस्करी का गढ़ बना अमेठी: पश्चिम बंगाल में दो सौ का कछुआ हो जाता है एक हजार का, बनती हैं प्रतिबंधित दवाएं#
कछुओं की तस्करी के तार पूर्वांचल से लेकर पश्चिम बंगाल तक जुड़े हैं। आसपास के जिलों से कछुए पकड़कर अमेठी लाए जाते हैं। यहां से अलग-अलग माध्यम से पश्चिम बंगाल तस्करी की जाती है। यहां से उन्हें कोलकाता भेजा जाता है। फिलहाल, पुलिस अब पूरे गिरोह को खंगालने में जुटी हुई है। बुधवार को जगदीशपुर में 1,167 कछुओं की बरामदगी के बाद पुलिस ने पड़ताल तेज कर दी है। लोगों की मानें तो आसपास के जिलों और अमेठी सुल्तानपुर के नदी के किनारे वाले इलाकों व बड़े तालाबों से कछुओं को पकड़ा जाता है। आमतौर पर एक समुदाय के लोग लगाए जाते हैं।
200 रुपये वाला कछुए की कीमत एक हजार हो जाती
तस्करों के एजेंट उन्हें एक कछुए के लिए दो से तीन सौ रुपये देते हैं। कछुओं को इकट्ठा कर उन्हें तस्करी के जरिए पश्चिम बंगाल भेजा जाता है। पश्चिम बंगाल पहुंचने पर एक कछुए की कीमत करीब एक हजार हो जाती है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पश्चिम बंगाल पहुंचने पर कछुओं के मांस समेत अलग-अलग अंगों की कीमत निर्धारित होती है।
कछुओं के अंगों से कुछ प्रतिबंधित दवाइयां बनाई जाती हैं। दवाओं को तस्करी के जरिए विदेश भेजा जाता है। ट्रेनों पर शिकंजा कसने के बाद तस्करों ने सड़क मार्ग को जरिया बनाया है। इकट्ठा कछुओं को छोटे-बड़े वाहनों से कोलकाता भेजा जाता है। फिलहाल अब तक जिले से कछुआ तस्करी को प्रतिबंधित नहीं किया जा सका है।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं तस्कर
जिले में प्रतिबंधित कछुआ तस्करी का यह पहला मामला नहीं है। 19 दिसंबर को पीपरपुर पुलिस ने माल वाहक वाहन से 11 बोरे में 525 कछुआ बरामद किए थे। 10 जनवरी, 2017 को एसटीएफ की टीम ने जगदीशपुर के पास नौ हजार कछुए बरामद किए थे। तीन दिसंबर, 2017 को जीआरपी ने दून एक्सप्रेस से 505 कछुए बरामद कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था। 24 जनवरी 2019 को पंजाब मेल से 298 कछुओं के साथ तीन तस्कर पकड़े गए थे। 29 जनवरी, 2020 को भी 195 कछुओं के साथ बेगमपुर एक्सप्रेस से आरपीएफ व जीआरपी की टीम तस्करों को पकड़ा था। 13 अगस्त, 2020 को 502 कछुओं के साथ एक तस्कर गिरफ्तार हुआ था।
पिकअप से 25 लाख रुपये के 1,167 कछुए बरामद, तीन गिरफ्तार
पुलिस और वन विभाग की टीम ने पिकअप वाहन से 25 लाख रुपये की कीमत के 1,167 कछुआ बरामद कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि कछुआ पश्चिम बंगाल बेचने को ले जा रहे थे। बुधवार को जगदीशपुर थाना क्षेत्र के जायस रोड स्थित हंसवासुरवन मोड़ के पास पुलिस व वन विभाग ने संयुक्त अभियान चलाया। टीम को देखकर कछुआ लेकर जा रही पिकअप खड्ड में अचानक पलट गई। पिकअप से विभिन्न प्रजातियों के 1167 कछुए बरामद किए गए।
पुलिस ने मौके से जगदीशपुर थानाक्षेत्र के गांधी नगर निवासी मोतीलाल, गौरीगंज थाना क्षेत्र के चतुरीपुर मऊ निवासी राज बहादुर पहलवान तथा रायबरेली जिले के ऊंचाहार थाने के बहराम उसरैना निवासी अजय कुमार यादव को पकड़ा है। तस्करों ने बरामद कछुओं को अलग-अलग स्थान से पकड़ने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल लेकर जाकर बिक्री करते हैं।