यूपी के गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित पशुओं की सुरक्षा के लिए रखे जाएंगे चौकीदार या केयर टेकर, प्रक्रिया शुरू, जानिए योगी सरकार की पूरी योजना

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित पशुओं की सुरक्षा के लिए चौकीदार या केयर टेकर रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस संबंध में पंचायतीराज विभाग ने पशु संख्या के आधार पर चौकीदार रखने का प्रस्ताव बनाकर पशुधन विभाग को भेजा है, शासनादेश जल्द जारी होने की उम्मीद है। वहीं, जिला पंचायत के माध्यम से कैटल कैचर के उपयोग पर उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश पर नौ विभागों को निराश्रित पशुओं को पकड़ने और संरक्षित करने का जिम्मा सौंपा गया है। इन विभागों के अधिकारी कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता बैठक करके प्रकरण का अनुश्रवण और अगली कार्ययोजना बना रहे हैं। नगर विकास विभाग ने पिछले दिनों इस संबंध में विस्तृत आदेश जारी कर दिया है।

अफसरों को नोडल अधिकारी बनाया गया है, वहीं पंचायतीराज व ग्राम्य विकास विभाग को भी निर्देश जारी करने को कहा गया है। सरकार ने प्रदेश में साढ़े पांच हजार से अधिक आश्रय स्थल खोले हैं जहां करीब साढ़े सात करोड़ पशु संरक्षित किए गए हैं। ज्ञात हो कि आश्रय स्थलों पर 11 करोड़ 84 लाख 494 पशुओं को संरक्षित किया जाना है। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि शहरों की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी निराश्रित पशुओं को पकड़ने के लिए कैटल कैचर का उपयोग जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत उन दस जिलों महोबा, चित्रकूट, ललितपुर, झांसी, बांदा, बस्ती, गोंडा, श्रावस्ती, गाजीपुर व उन्नाव से होगी, जहां पशुओं की संख्या अधिक है। इस संबंध में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है, उसके बाद आदेश जारी किया जाएगा। गोआश्रय स्थलों के नोडल अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि सभी विभागों में समन्वय बनाने व स्थलों का अनुश्रवण तेजी से करने के लिए रोस्टर प्रणाली तय की गई है।

जिला पंचायतराज अधिकारी व सीवीओ औचक निरीक्षण करें और जो कमियां मिले संबंधित विभाग को दूरभाष पर सूचित किया जाए। उन्होंने बताया कि ठंड में निराश्रित पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए सारे इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। भरण-पोषण के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि जिलों को भेजी जा रही है। बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन सुधीर गर्ग, अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार, विशेष सचिव पशुधन देवेंद्र कुमार पांडेय, विशेष सचिव पंचायती राज एसएमए रिजवी आदि मौजूद थे।