अदालत ने दहेज हत्या के तीन आरोपियों को आठ वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर ढाई हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। मंगलवार को यह सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव शुक्ला की अदालत ने सुनाई। मामला अहरौला थाना क्षेत्र के करनपुर इटौरा गांव का है।
तहबरपुर थाना क्षेत्र के आतापुर गांव निवासी प्रकाशचंद्र की पुत्री प्रियंका की शादी वर्ष 2009 में अहरौला थाना क्षेत्र के करनपुर इटौरा गांव निवासी अवनीश तिवारी पुत्र लालमनी के साथ हुई थी। तीन साल बाद विवाहिता अपने मायके से विदा होकर अपने ससुराल गई थी।
13 जून 2014 को उसकी मृत्यु हो गई। इस मामले में मृतका के पिता प्रकाशचंद्र ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया कि विवाहिता के ससुराल के लोग दहेज में कार की मांग को लेकर प्रियंका को प्रताड़ित करते थे।
विवाहिता को जलाकर मारा डाला गया। इस मामले में संबंधित थाने की पुलिस ने पति अवनीश, सास उर्मिला और ससुर लालमनी के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया। जांच के बाद तीनों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।
मुकदमे के परीक्षण के दौरान इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पीयूष त्रिपाठी, शिवआश्रय राय और आनंद सिंह ने कुल 11 गवाहों को पेश किया और तर्कों को रखा। अदालत ने उभय पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद आरोपी पति अवनीश, सास उर्मिला और ससुर लालमनी को दोषी पाया और उक्त सजा का निर्धारण किया।