*पितृपक्ष 2023: काशी गया से आरंभ हुई विष्णु गया की मोक्ष यात्रा, पितरों के श्राद्ध से खुलेगा सुख समृद्धि का मार*
पितरों के स्वागत और तर्पण के पक्ष की शुरुआत होने से पहले ही काशी गया से लेकर विष्णु गया तक श्रद्धा के भाव जुड़ने लगे हैं। काशी गया से त्रिपिंडी करने के बाद श्रद्धालुओं ने विष्णु गया के मोक्ष यात्रा की शुरुआत कर दी है। 29 सितंबर को महालया व पूर्णिमा का श्राद्ध आरंभ हो जाएगा। सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश के साथ ही पितृ पक्ष की शुरुआत कल से हो जाएगी
मोक्ष की नगरी में पुरखों की आत्मा की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध के साथ ही श्रद्धालुओं ने गया के लिए प्रस्थान किया। मान्यता है कि यहां पर किए जाने वाले त्रिपिंडी श्राद्ध से दर-दर भटकती आत्मा और पितरों की मुक्ति का मार्ग खुल जाता है और वे वैकुंठ धाम पहुंच जाते हैं। ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि अश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा के साथ-साथ परदादा-परदादी, दादा-दादी, पिता-माता एवं अन्य सगे परिजनों को याद करके उनके निमित्त श्राद्ध किया जाता है।
श्राद्ध की अमावस्या 14 अक्तूबर को
प्रौष्ठपदी श्राद्ध 29 सितंबर से आरंभ होगा और समापन 14 अक्तूबर को अमावस्या के श्राद्ध से होगा। स्नान-दान एवं श्राद्ध की अमावस्या 14 अक्तूबर को पड़ेगी। अमावस्या तिथि के दिन महालया का विसर्जन किया जाता है। पंचांगों के अनुसार नौ अक्तूबर को श्राद्धकृत्य नहीं होगा। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में आरोग्य, सौभाग्य, वैभव एवं ऐश्वर्य बना रहता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
घाटों पर होता है तर्पण
गंगा के किनारे भी पितृपक्ष की तैयारियों में पंडा और पुरोहित जुटे हुए हैं। अस्सी घाट, तुलसी घाट, केदार घाट, दशाश्वमेध घाट, राजघाट और मणिकर्णिका घाट पर तर्पण करने के लिए लोग आते हैं।
प्रौष्ठपदी-29 सितंबर
प्रतिपदा-30 सितंबर
द्वितीया-30 सितंबर
तृतीया- एक अक्तूबर
चतुर्थी-दो अक्तूबर
पंचमी-तीन अक्तूबर
षष्ठी-04 अक्तूबर
सप्तमी-05 अक्तूबर
अष्टमी-06 अक्तूबर
नवमी-07 अक्तूबर
दशमी-08 अक्तूबर
एकादशी-10 अक्तूबर
द्वादशी-11 अक्तूबर
त्रयोदशी-12 अक्तूबर
चतुर्दशी-13 अक्तूबर
अमावस्या-14 अक्तूबर