#चार हजार हेक्टेयर में बसेगा कुंभ मेला, प्रबंधन में ली जाएगी AI की मदद; इन सुविधाओं से होगा लैस#

महाकुंभ 2025 में तकनीक का भी अच्छा खासा प्रयोग होगा। महाकुंभ की ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी की शनिवार को हुई पहली बैठक में निर्णय लिया गया कि भीड़ प्रबंधन में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की भी मदद ली जाएगी।
एआइ बेस्ड उत्कृष्ट भीड़ प्रबंधन प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत 120 अस्थायी पार्किंग स्थलों को विकसित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 720 सीसीटीवी कैमरा तथा एआइ आधारित वाहन गिनने की प्रणाली की व्यवस्था भी होगी।
आवागमन में होगी सुगम व्यवस्था
महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज की ट्रैफिक व्यवस्था उत्कृष्ट करते हुए आने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के दृष्टिगत एडीजी भानु भास्कर की अध्यक्षता में ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी की प्रथम बैठक मंडलायुक्त कार्यालय स्थित गांधी सभागार में हुई।
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कुंभ 2019 के अनुभवों को साझा करते हुए उनसे मिली सीख के आधार पर महाकुंभ 2025 के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत की, जिसमें आगामी महाकुंभ में पिछले कुंभ से डेढ़ गुना भीड़ आने की उम्मीद की। कहा कि इसके मुताबिक ही यह कार्ययोजना बनाई गई है।
करोड़ों की संख्या में श्रृद्धालुओं के आगमन के दृष्टिगत एवं ट्रैफिक व्यवस्था के बेहतर प्रबंध के लिए आइसीसीसी (इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर) के कार्यों में भी विस्तार किया जा रहा है। इसमें अस्थायी सर्विलांस सिस्टम के अंतर्गत 676 सीसीटीवी कैमरा (पीटीजेड एवं फिक्स), 12 एएनपीआर कैमरा तथा आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) बेस्ड उत्कृष्ट भीड प्रबंधन प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा।

120 अस्थायी पार्किंग स्थलों को किया जाएगा विकसित
पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत 120 अस्थायी पार्किंग स्थलों को विकसित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 720 सीसीटीवी कैमरा तथा एआइ बेस्ड वाहन गिनने की प्रणाली की व्यवस्था भी होगी। विभिन्न स्थलों पर 40 वीएमडी स्क्रींस होंगे, जिनके माध्यम से इमेज एवं वीडियो मैसेज प्रसारित किए जा सकेंगे। बस स्टेशन एवं रेलवे स्टेशनों पर 126 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
कॉल सेंटर की क्षमता को 20 से बढ़ाकर 40 की जाएगी। मेला क्षेत्र का गूगल मैप से इंटीग्रेशन होगा, जिससे मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थलों को गूगल मैप पर देखा जा सकेगा। इसके अलावा 1000 शटल बस चलाने जैसे नए प्रयास भी किए जा रहे हैं।

2000 तक विकसित होगी टेंट सिटी
साथ ही इस बार 1300 से बढ़ाकर 2000 कैंप की टेंट सिटी विकसित करने तथा आइईआरटी के पास एक बड़ा पार्किंग स्थल भी विकसित करने की योजना है। सिविल एयरपोर्ट की क्षमता में वृद्धि भी की जा रही है।

एडीजी से व्यवस्थाओं संबंधित नोडल अफसर नामित कराने की मांग एडीजी से विभिन्न पार्किंग स्थलों, सेटेलाइट टाउन पर की जा रही व्यवस्थाओं, कैमरों को लगाने के लिए स्थानों के चयन, पुलिस ट्रेनिंग एवं वर्क प्लान, मेले में शटल बसों के आवागमन की कार्ययोजना, डायवर्जन, कम्यूनिकेशन, फायर सेफ्टी, पेडेस्ट्रियल मूवमेंट तथा अन्य ट्रैफिक व सुरक्षा व्यवस्था संबंधी व्यवस्थाओं पर सहमति के लिए नोडल अफसरों को नामित करने की मांग की गई।
मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन द्वारा नामित नोडल अफसर इन विषयों पर समन्वय स्थापित करते हुए अपनी संयुक्त सहमति देंगे। एडीजी ने महाकुंभ की सफलता बेहतर ट्रेनिंग, माक ड्रिल एवं इंटीग्रेटेड सूचना को बताया।

मंडलायुक्त ने दिए रूट मैप्स लगाने को दिए सुझाव मंडलायुक्त ने श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत विभिन्न प्रमुख स्थलों पर रूट मैप्स लगाने का सुझाव दिया।

फायर सेफ्टी के नोडल चीफ फायर आफिसर ने बड़े टेंट्स की थ्रीडी माडलिंग कराते हुए आग लगने की दशा में उन बड़े टेंट से कैसे निकला जा सकता है, की जानकारी वीएमडी के माध्यम से उन परिसरों में लगाने को कहा।

सेना का प्रतिनिधित्व कर रहे कर्नल क्यू ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर करने के दृष्टिगत ड्रोन के माध्यम से निरंतर निगरानी करते रहने का सुझाव दिया। पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के दृष्टिगत पुराने एवं अनुभवी अफसरों से मार्गदर्शन लेने तथा 112 का इंटीग्रेशन मेला कंट्रोल रूम से कराने का सुझाव दिया।

चार हजार हेक्टेयर में बसेगा कुंभ मेला
कुंभ मेलाधिकारी ने कहा कि इस बार पार्किंग एरिया को 1200 हेक्टेयर से बढ़ाकर 1800 हेक्टेयर किया जा रहा है। श्रृद्धालुओं की अपेक्षित भीड में वृद्धि को देखते हुए मेला क्षेत्र को भी 3200- हेक्टेयर से बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर किया जाएगा।