निष्ठा त्रिपाठी ने बीबीडी यूनिवर्सिटी में जब बीकाम प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था। बीकाम प्रथम वर्ष में वह पढ़ने में बहुत अच्छी थी। शुरुआत में हास्टल में रहती थी। प्रथम वर्ष में उसकी उपस्थिति पूरी रहती थी, लेकिन बीकाम प्रथम वर्ष के बाद उसने कैंपस से बाहर रहना शुरू किया। आशंका जताई जा रही है कि तभी से उसकी कक्षा में उपस्थिति भी कम होने लगी।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक रिकार्ड के अनुसार बीकाम द्वितीय वर्ष में केवल दो प्रतिशत उसकी हाजिरी रही। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार 75 प्रतिशत हाजिरी कम होने पर किसी भी छात्र या छात्रा को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है। बावजूद निष्ठा दो प्रतिशत हाजिरी लेकर भी परीक्षा देने में सफल रही। विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर व स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डा. एसएमके रिजवी का कहना है कि निष्ठा त्रिपाठी की बीकाम द्वितीय वर्ष में उसकी उपस्थिति दो प्रतिशत रही।
तृतीय वर्ष में प्रवेश के पहले दिन उसकी उपस्थिति रही है। निष्ठा पिछले एक माह से कैंपस में नहीं आई है। इसके लिए स्टूडेंट्स ग्रुप पर कई बार सूचना भेजकर पूछा इसका कारण भी पूछा गया। इसमें कई बार मेडिकल कारण बताया गया। मेडिकल और आंतरिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने की वजह से कम उपस्थिति पर परीक्षा देने की अनुमति मिल गई।
छात्रा की कम उपस्थिति होने पर कई बार अभिभावकों को भी सूचना दी जाती है, लेकिन ऐसा देखा गया है कि बहुत से छात्र- छात्राएं अपने अभिभावक का गलत मोबाइल नंबर लिखा देते हैं, इससे उन तक सूचना नहीं पहुंच पाती है। निष्ठा शुरू में हास्टल में रहती थी। कैंपस में छात्राओं के लिए पांच हास्टल है। इसमें सीनियर और जूनियर छात्राएं अलग- अलग रहती हैं। कैंपस के अंदर छात्राओं की पूरी सुरक्षा रहती है। हास्टल देने से किसी भी छात्रा को मना नहीं किया जाता है।
डाक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम, बिसरा सुरक्षित
बीबीडी छात्रा निष्ठा त्रिपाठी का पोस्टमार्टम वीडियो ग्राफी के साथ डाक्टरों के पैनल ने किया है। गोली दाहिने कंधे और सीने के बीच में लगने की पुष्टि हुई है। जो कि वाइटल पार्ट से बरामद कर ली गई। पैर में रगड़ का निशान है। शरीर पर और कोई निशान नहीं है जिससे पता चलता है कि गोली मारने से पहले किसी तरह की हाथापाई नहीं हुई है। वहीं दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाई गई है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही जानकारी हो सकेगी। डाक्टरों ने बिसरा सुरक्षित कर लिया है।