#रिटायर्ड फौजी श्री हरिद्वार सिंह के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर…… अप्रतिम सपूत को लोगों द्वारा दी जा रही श्रद्धांजलि …….#
मऊ … उत्तर प्रदेश
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फत …मेरी मिट्टी से भी खुशबू … ए… वफा आएगी….
जी हां ! जनपद मऊ के चिरैयाकोट थाना अंतर्गत सरसेना हिरनपुर गांव के निवासी और वायु सेना के रिटायर्ड वारंट ऑफिसर हरिद्वार सिंह के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। लोगों द्वारा रिटायर्ड फौजी को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।
बताते चलें कि चिरैयाकोट के सरसेना गांव में 16 अगस्त 1942 को सूबेदार सिंह के घर जन्मे हरिद्वार सिंह बचपन से ही देशभक्त की भावना से प्रेरित थे। अपनी मेहनत लगन से वे अपना सपना साकार करते हुए 1961में भारतीय वायुसेना में चयनित हुए। चयन के 1 साल के भीतर ही 1962 में भारत और चीन के बीच भीषण युद्ध हो गया जिसमें हरिद्वार सिंह ने अदम्य वीरता और साहस दिखाते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए । इस युद्ध में उनको गंभीर चोट भी लगी लेकिन लहूलुहान हालत में भी वे देश की रक्षा में लगे रहे। इतना ही नहीं 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में भी हरिद्वार सिंह ने वीरता दिखाते हुए और तमाम मेडल और सम्मान प्राप्त किया।
26 साल तक देश की सेवा करने के बाद हरिद्वार सिंह 1987 में वारंट ऑफिसर के पद से सेवा निवृत्त हुए। रिटायर होने के बाद भी इनके अंदर देश प्रेम लबालब भरा रहा और देश को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रख दिया। अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ होने के कारण इन्होंने अपने जीवन के शेष वर्ष विद्यालयों को समर्पित कर दिया और अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में सेवारत रहे। देश और समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए भारत मां के इस वीर सपूत ने भारत मां की धरती को अपना अंतिम सलाम ठोकते हुए 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। फ़ौजी हरिद्वार सिंह के निधन की सूचना पर पूरा क्षेत्र शोक की लहर में डूब गया।
लोग भारत माता के इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि देते हुए परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।