केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही आये दिन स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च दिखाते हुए कागजों में चाक चौबंद व्यवस्था के दावे कर रही है लेकिन धरातल पर हकीकत उसके विपरीत है और साफ सफाई व्यवस्था महज कागजों तक सीमित दिखाई पड़ रही है। क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की मनमानी ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है। वहीं प्रतिमाह भारी भरकम वेतन लेकर सफाई कार्य न करना इनकी आदत में शुमार हो गया है। लेकिन जिम्मेदार आलाअधिकारी सब कुछ जानते हुये भी अनजान बने हैं। जीता जागता उदाहरण विकास खंड हलधरमऊ के अन्तर्गत ग्राम बसालतपुरगांव में साफ दिखाई पड़ रहा है यहां तैनात सफाई कर्मचारी सफाई कार्य करने नही आ रहे हैं,जिससे सड़क के किनारे जगह जगह कूड़े कचरे का ढेर लगा होने के साथ ही नालियां जाम होकर बजबजा रही हैं और जल निकासी बाधित हो रही है।
ग्राम पंचायत बसालतपुर में सफाई व्यवस्था बदहाल है। कहने को तो यहां सफाई कर्मी की तैनाती की गई है,जिनके ऊपर ग्राम पंचायत में प्रतिदिन नियमित रूप से साफ सफाई का जिम्मा है। चूंकि जिम्मेदारों द्वारा कोई जांच अभियान नहीं चलाया जाता है, इसलिए सफाई कर्मी भी सफाई कार्य ना करके तैनाती स्थल से काफी समय से नदारद रहकर मनमानी कर रहे हैं और सफाई कार्य नहीं कर रहे हैं।सफाई व्यवस्था इस कदर बदतर है कि मुख्य मार्ग व सार्वजनिक स्थलों पर जगह-जगह कूड़ा-करकट का ढेर लगा रहता है, जबकि नालियां बजबजा रही हैं। ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत में सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। सफाई कर्मी तो खुद कभी सफाई नहीं करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण गांव में तैनात सफाई कर्मचारी सफाई कार्य करने नही आ रहे हैं,जिससे नालियां जाम होकर बजबजा रही हैं वहीं जल निकासी बाधित हो रही है और पूरे गांव में गंदगी की भरमार है। जिससे मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। यदि सफाई व्यवस्था पर ध्यान नही दिया गया तो अनेकों प्रकार की बीमारी फैल सकती है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इसकी जांच कराकर उचित कार्रवाई करने और सड़कों,नालियों,सार्वजनिक स्थानों की नियमित सफाई कराने की मांग की है। उक्त संबंध में जानकारी करने हेतु बीडीओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बता रहा था।