वाराणसी में दस साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के दोषी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जैतपुरा थाना क्षेत्र के मढ़िया-शैलपुत्री निवासी पप्पू गुप्ता को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अनुतोष शर्मा ने शुक्रवार को आजीवन कारावास व तीन लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी वंदना श्रीवास्तव व वादी पक्ष की ओर से वकील पंकज श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। मामले की निगरानी पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन व एडीसीपी महिला अपराध ममता रानी कर रही थीं।अभियोजन पक्ष के अनुसार 26 नवंबर 2016 को सुबह साढ़े नौ बजे जैतपुरा क्षेत्र में रहने वाली दस वर्षीय मासूम कूड़ा फेंकने घर से बाहर निकली थी। उसके घर के बाहर मौजूद पप्पू ने उसे दस रुपये देकर पान लाने को कहा। मासूम दुकान पर गई तो पीछे-पीछे पप्पू भी वहां पहुंच गया। कुछ समय बाद मासूम को खोजते उसकी मां दुकान पर पहुंची तो लोगों ने बताया कि दोनों को साथ जाते देखा गया था। पप्पू के बारे में पता करते हुए मासूम की मां उसके घर पहुंची तो उसकी पत्नी ने बताया कि सुबह से ही कहीं गया है। पुलिस ने अगले दिन गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर लिया। मासूम के गुमशुदा होने के दिन ही जौनपुर के केराकत थाना क्षेत्र में सड़क किनारे झाड़ी में उसके शव को देख क्षेत्रीय नागरिकों ने पुलिस को सूचना दी थी। उसकी गला काटकर हत्या करके शव को फेंक दिया गया था। विवेचना में अपहृत मासूम संग दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने 29 नवंबर 2016 को पप्पू गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब इस मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है और दोषी को उम्रकैट की सजा सुनाई है।