बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन के इलाहाबाद संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों के बाद प्रदेश की राजनीति गरम हो गई है। जूनियर बच्चन मैदान में उतरते हैं तो मुकाबला बेहद रोमांचक हो सकता है। समाजवादी पार्टी से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। अभिषेक बच्चन की मां जया बच्चन समाजवादी पार्टी से राज्यसभा से सांसद हैं। सदन में वह सत्ता पक्ष के खिलाफ तीखे प्रहार करती हैं।
2024 का लोकसभा चुनाव काफी रोमांचक हो सकता है। 1984 वाला सीन फिर दोहराने की तैयारी की जा रही है। 1984 में सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने चुनावी मैदान में उतरकर राजनीति दुनिया में तहलका मचा दिया था। उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हेमवती नंदन बहुगुणा को पराजित किया था। उस समय पूरे जिले में अमिताभ बच्चन की लहर चल रही थी और हर गली और मुहल्ले में लोग अमिताभ बच्चन की एक झलक पाने के लिए बेताब दिख रहे थे। हालांकि चुनाव जीतने के बाद बिग बी को सियासत रास नहीं आई। उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर राजनीति की ओर नहीं देखा।
खास बात यह है कि अमिताभ बच्चन ने जिस हेमवती नंदन बहुगुणा को पटखनी दी थी वर्तमान में उन्हीं बहुगुणा की पुत्री प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद हैं। अभिषेक बच्चन यदि मैदान में उतरते हैं तो उनका मुकाबला रीता जोशी से हो सकता है। रीता जोशी भाजपा भाजपा की सांसद हैं, जबकि अभिषेक को समाजवादी पार्टी से उतारने की बात की जा रही है।
अमिताभ बच्चन ने कभी नहीं ली पैतृक गांव बाबूपट्टी की सुध
अमिताभ बच्चन ने कभी भी बाबूपट्टी की सुध नहीं ली। 14 बरस पहले बाबूपट्टी आईं उनकी पत्नी जया बच्चन ने पूरे परिवार समेत आने का वायदा किया था, लेकिन वो आज तक पूरा न हो सका। बाबूपट्टी के ग्रामीण अमिताभ को उनकी ही फिल्म ‘शराबी’ का गाना याद दिलाते हुए कह रहे हैं कि इंतेहा हो गई इंतजार की। बाबू पट्टी गांव सदी के महानायक का पैतृक गांव भले ही है, मगर उनका सीधा संपर्क पैतृक गांव से कभी नहीं रहा। न ही गांव के किसी व्यक्ति से वह परिचित हैं।
जया बच्चन को बाबू पट्टी आए 14 साल बीत गए, लेकिन बच्चन परिवार का कोई भी सदस्य बाबू पट्टी नहीं आया। सालों से बाबू पट्टी गांव बिग बी के नाम पर सुर्खियां बटोर रहा है, मगर उसे अमिताभ बच्चन के दर्शन आज तक नहीं हुए। कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के एक शो में अमिताभ बच्चन ने अपने पैतृक गांव बाबूपट्टी जाने की इच्छा जाहिर की थी, जिसको लेकर उनके गांव के लोग काफी उत्साहित हुए थे।