सपा नेता व विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को ट्वीट किया कि धर्मांतरण के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश नहीं है बल्कि यह मंदिरों में बैठे हुए पंडे-पुजारियों, धर्मचार्यों के सिंडिकेट के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार सही मायने में धर्मांतरण रुकवाना चाहती है तो जाति धर्म के नाम पर अपमानित करना बंद करें और धार्मिक पुस्तकों में उल्लिखित अपमानजनक तथ्यों को संशोधित व प्रतिबंधित कराये। माना जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि धर्मांतरण के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश है। इससे सख्ती से निबटा जाएगा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि धर्मांतरण के पीछे अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट नहीं अपितु मंदिरों में बैठे हुए पंडे-पुजारियों, धर्मचार्यों का गठजोड़ व सिंडिकेट है। धर्म की दुहाई देकर जो धर्म अपने ही अनुयायियों या धर्मावलंबियों को जातीय आधार पर अपमानित करने, मारने-पीटने व प्रताड़ित करने की बात करने, नीच व अधम कहने की आदत सी बन गई है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि इसी जातीय अपमान का कड़वा घूंट जहां एक ओर दिल्ली जगन्नाथ मंदिर में महा. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी को पीना पड़ा वहीं दूसरी ओर पूर्व में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को भी राजस्थान के पुष्कर के ब्रह्म मंदिर में इसी जातीय अपमान का दंश झेलना पड़ा। धर्म और जाति के आधार पर जब तक भेदभाव पूर्ण व्यवहार 95 फीसदी दलित, आदिवासी और पिछड़े हिंदू अनुयायियों के साथ होता रहेगा तब तक धर्मांतरण भी चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यदि सही मायने में धर्मांतरण रुकवाना चाहती है तो जाति धर्म के नाम पर अपमानित करना बंद करें एवं तथाकथित मनगढ़ंत धार्मिक पुस्तकों में उल्लिखित अपमानजनक तथ्यों को संशोधित व प्रतिबंधित कराये, अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट पर दोष मढ़ने के बजाय मंदिरों में चल रहे पंडे-पुजारियों व धर्माचार्यों के गठजोड़ व सिंडीकेट को खत्म कराए।