बरेली में तीन दो दिन से बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन झमाझम बारिश का अभी भी इंतजार है। बृहस्पतिवार सुबह रिमझिम बारिश के साथ हुई। बीते 24 घंटे में करीब 18 मिमी बारिश हुई है। बुधवार सुबह दो घंटे तेज बारिश हुई थी। दिनभर बादल मंडराते रहे। दोपहर में धूप निकली, लेकिन बेअसर रही। फिलहाल पांच दिन और राहत के आसार हैं।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक सोमवार से सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ अगले पांच दिन तक प्रभावी रहने के आसार है। कुछ स्थानों पर तेज तो कहीं खंडवर्षा (रुक-रुककर बारिश) हो सकती है। तेज हवा चलने पर लोगों को सावधानी बरतने का सुझाव दिया है।
मंगलवार को दिनभर बादल मंडराए, लेकिन बारिश छह मिमी ही हो सकी थी। बुधवार सुबह 6 से 8 बजे तक झमाझम बारिश हुई। शाम 6 बजे तक 18 मिमी बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ 30 डिग्री के नीचे होने से प्री-मानसून की बारिश लोगों को राहत पहुंचा रही है।
उन्होंने अगले तीन दिन तक घने बादल मंडराने और रिमझिम फुहार पड़ने, फिर अनुकूल माहौल बने रहने पर बारिश की संभावना जताई है। बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य सामान्य से तीन डिग्री कम 34.5 डिग्री और न्यूनतम सामान्य स्तर पर 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। नमी 96 फीसदी और हवा की गति आठ किमी प्रति घंटा दर्ज की गई।
मौसम का मिजाज बदला तो बिजली की खपत घटी
रिमझिम बारिश के साथ मौसम बदला तो गर्मी भी कम हो गई। इस दौरान लोगों ने एसी का प्रयोग कम किया। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के सिस्टम को फायदा हुआ तो उपभोक्ता की जेब को छह करोड़ रुपये बचत मिली है। जिले में 7,30,000 उपभोक्ता हैं। आमतौर पर 24 घंटे में छह करोड़ यूनिट बिजली खर्च करते हैं।
मौसम का मिजाज बदलने से खपत में करीब 60 लाख यूनिट की कमी आई है। अगर औसतन पांच रुपये यूनिट से खर्च का आकलन करें तो एक दिन में तीन करोड़ रुपये की बचत हुई। मुख्य अभियंता राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि गर्मी थोड़ी कम हुई तो लोड दस फीसदी तक घटा है। सिस्टम को ओवरलोडिंग से राहत मिली है।