#’ये नीतीश कुमार हैं, मोदी जी का खासमखास’ विपक्षी दलों की बैठक से पहले पटना में पोस्टर पर मचा सियासी बवाल#
बिहार में विपक्षी दलों की बैठक से पहले पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। यहां राजधानी पटना की गलियां इन पोस्टर और होर्डिंग से पटी हुई हैं
इन पोस्टरों में विपक्षी दलों और प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा गया है। पटना में लगे पोस्टरों पर भारतीय जनता पार्टी लिखा हुआ है।
वहीं, एक अन्य पोस्टर में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर है और उसमें दिख रहे शख्स का नाम विकास कुमार ज्योति लिखा हुआ है।
ये पोस्टर वाकई भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी की ओर से ही लगाए गए हैं या नहीं, दैनिक जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अरविंद केजरीवाल वाले पोस्टर पर लिखा है- न आशा है, न विश्वास है। सम्हल कर रहना देश के लोगों ऐ नीतीश कुमार है। मोदी जी का खासमखास है।
इसके नीचे भावी प्रधानमंत्री-2024 और इसके नीचे अरविंद केजरीवाल का नाम लिखा है। इस पोस्टर में आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न झाड़ू भी साफ देखा जा सकता है।
इसमें ऊपर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर भी है। इसमें दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे हुए हैं।
बिहार में चढ़ा सियासी पारा
23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। अब भाजपा ने विपक्षी दलों की बैठक को परिवारवाद और भ्रष्टाचार में डूबी पार्टियों का महासम्मेलन करार देते हुए पोस्टर और होर्डिंग वार शुरू कर दिया है।
भाजपा ने पटना के गलियों में विपक्षी दलों के बीच पीएम के चेहरे को लेकर आशंकित संग्राम पर केंद्रित कार्टून को भी बोर्ड में लगाया है। पोस्टर में आम आदमी पूछ रहा है-‘आप में से पीएम का चेहरा कौन होगा?’ तो विपक्षी एकता जिंदाबाद का बोर्ड लिए नेताओं के आगे खड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं- ‘अभी तो मन ही मन हम सब हैं, लेकिन चुनाव बाद आपसी सिर फुटव्वल करके तय कर लेंगे’।
इसके अलावा, एक पोस्टर में भाजपा ने विपक्षी दलों को ‘ठग्स’ करार दिया। एक पोस्टर में सभी विपक्षी नेताओं की तस्वीर है। जिसमें लिखा है’ परिवारवाद और भ्रष्टाचार में डूबी पार्टियों का महासम्मेलन’।
दरअसल, भाजपा ने भी अपने विरोधियों के स्वागत की राजनीति तरीके से तैयारी की है। यह अनूठी तैयारी गुरुवार को राजधानी पटना के मुख्य सड़कों पर सुबह से ही दिखने लगी है।
होर्डिंग, बोर्ड और पोस्टर में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पर वार किया गया है। भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे नेताओं की होर्डिंग का एक जगह शीर्षक दिया है- ‘खूब जमेगा रंग, जब मिल बैठेंगे ठगबंधन के भ्रष्टाचारी संग’।
परिवारवाद पर चोट
पोस्टर के जरिए परिवारवाद पर भी चोट किया गया है। इसमें प्रमुखता से सोनिया गांधी और लालू यादव को जगह दी गई है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी हैं।
इसी तरह एक होर्डिंग का शीर्षक है- ‘हल्ला है हर ओर, बिहार में मिलेंगे सारे चोर’ I इस होर्डिंग में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी हैं। 1977 आंदोलन के अगुआ लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम का भी इस्तेमाल एक होर्डिंग में किया गया है।
इस होर्डिंग में नीतीश कुमार की ही तस्वीर प्रमुखता से लगी है, शीर्षक है- ‘लोकतंत्र के हत्यारे…आज किस मुंह से जेपी की धरती पर आ रहे हैं?’
पोस्टर में तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की तस्वीरें हैं।
लोकनायक को गिरफ्तार करनेवालों के साथ खड़े उनके शिष्य
एक होर्डिंग में लिखा गया है- लोकनायक जय प्रकाश के शिष्य होने का दावा करने वाले आज उनको गिरफ्तार करने वालों के साथ खड़े हैं। इसमें जेपी की पुरानी तस्वीरों को लाकर दिखाया गया है कि उस समय कांग्रेस ने कैसा दमन किया था और जेपी के साथ तब कैसा व्यवहार हुआ था।
लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के रिश्तों की दूरियां-नजदीकियां पर केंद्रित अलग-अलग समय में प्रकाशित हुए हुए कार्टून को भाजपा ने होर्डिंग और बोर्ड में इस्तेमाल किया है।