आजमगढ़। हत्या के मामले में अदालत ने छह लोगों आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपियों को 28 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह सजा मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद ने सुनाई।इस मामले का एक अन्य आरोपी दिनेश के नाबालिग होने के चलते उसकी पत्रावली अलग कर दी गई। शहर थाना कोतवाली जीयनपुर कोठरा गांव की है।
कोठरा गांव में 26 अगस्त 2001 की दोपहर लगभग एक बजे दिन में सामू यादव को गोली मार दी गई थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में शहर थाना कोतवाली के जीयनपुर कोठरा गांव निवासी धनई पुत्र दशरथ ने अरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में आरोप है कि घटना के दिन धनई और उसके पट्टीदार सामू यादव के घर के बाहर जाने वाले रास्ते पर निर्माण कर रास्ते को अवरुद्ध कर रहे थे। जब वादी मुकदमा और सामू ने निर्माण रोकने से मना किया तो हमलावर लाठी,डंडा,बंदूक और तमंचा से लैस होकर गाली देते हुए आए और दोनों को दौड़ा लिए। तभी केदार यादव ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से सामू को गोली मार दी।
चंद्रशेखर और श्रीकृष्ण ने कट्टे से सामू की बहू को भी गोली मारी जिससे वह घायल हो गई। इलाज के दौरान सामू यादव की घटना के दूसरे दिन मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने जांच कर आरोपी केदार यादव, सतंराज यादव, कृष्ण मुरारी यादव, चंद्रशेखर यादव, श्रीकृष्ण यादव और मतंराज यादव के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मुकदमे के परीक्षण के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पीयूष त्रिपाठी ने इस मुकदमे के वादी धनई, चंद्र ज्योति, सतिराम, डा.आरपी सिंह, एसआई शमशेर बहादुर सिंह, चीफ फार्मासिस्ट श्याम सुंदर गुप्ता, सदगुरु शरण और सेवानिवृत्त रेडियोलाजिस्ट डा एसपी सिंह को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्को को सुनने के बाद नामजद छह आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा का निर्धारण किया।