बहुप्रतिक्षित रिंगरोड फेज दो का सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण होते ही दो और चार पहिया वाहन फर्राटा भरने लगे। हरहुआ कोईराजपुर से राजातालब तक तकरीबन 1011.29 करोड़ रुपए से निर्मित 16.98 किलोमीटर लंबी रिंग रोड पर लखनऊ, आजमगढ़, गोरखपुर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली से आने जाने वाले वाहनों को अब वाराणसी शहर में आए बिना बाहर ही बाहर निकलने की सुविधा मिलेगी। इससे वाहन चालकों को शहर में प्रवेश करने से राहत मिलेगी।जबकि भारी व छोटे वाहनों के प्रवेश न करने से शहरवासियों को जाम से कम जूझना पड़ेगा। यह रिंग रोड चार नेशनल हाईवे और तीन राज्यों को आपस में जोड़ेगा। यहां आठ बस स्टाप भी बनाए गए हैं।
राह होगी आसान, तेल और समय की भी बचत
अभी तक प्रयागराज से आजमगढ़, गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया या इन जिलों से प्रयागराज जाने के लिए भारी वाहनों को मोहनसराय से शहर में होकर जाना पड़ता था। इससे न सिर्फ शहर की सड़कें खराब होती हैं, बल्कि जाम, दुर्घटना की आशंका बनी रहती हैं। वहीं, नो एंट्री के चलते चालकों को घंटों इंतजार करना पड़ता था। रिंग रोड बन जाने से इन जिलों को जाने वाले या आने वाले वाहनों को शहर में आने-जाने से निजात मुक्ति मिलेगी और तेल की बचत के साथ कम समय में गंतव्य को रवाना हो जाएंगे।
ये होंगे लाभ
यातायात में समय और ईंधन की बचत
प्रदूषण में कमी, सुरक्षित यातायात
वाहनों की परिचालन क्षमता में वृद्धि
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
रोजगार के अवसर, शहर में जाम से निजात
हाईवे पर बेरोकटोक जाइए वाराणसी से गाजीपुर
वाराणसी से गोरखपुर राजमार्ग 29 पर बन रहे फोरलेन हाईवे के पैकेज दो संदहा (चिरईगांव) से बिरनो (गाजीपुर) फोरलेन मार्ग सोमवार से वाहनों के आवागमन के लिए शुरू हो गया। वाराणसी से गोरखपुर के साथ ही हाईवे के चिरईगांव संदहा के पास रिंगरोड से जुड़े होने के कारण प्रयागराज जौनपुर, भदोही, लखनऊ जाने के लिए भी आसानी होगी। करीब 72.15 किमी लंबे मार्ग पर 3509.14 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस मार्ग पर चार बड़े पुल बनाए गए हैं। 13 छोटे सेतुओं का निर्माण हुआ है। एक-एक रेलवे ओवर ब्रिज और फ्लाईओवर, 14 अंडरपास बने हैं। इसके अलावा 26 बस स्टाप, एक टोल प्लाजा और चार बाइपास बने हैं। ब्यूरो
बहुप्रतिक्षित रिंग रोड फेज दो और संदहा से बिरना गाजीपुर तक पैकेज दो हाईवे को प्रधानमंत्री के लोकार्पण के बाद आवागमन के लिए खोल दिया गया है। इससे शहर में लगने वाले जाम से निजात मिलेगी और तेल के साथ समय की भी बचत होगी। आरएस यादव, परियोजना प्रबंधन, एनएचएआई
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