भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत के मामले में एसीजेएम प्रथम की अदालत ने मुकदमे के विवेचक को नियमानुसार कार्रवाई का आदेश दिया है। यह आदेश अदालत ने आकांक्षा की मां मधु दुबे के प्रार्थना पत्र के आधार पर दिया है। अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने बताया कि मधु दुबे ने एसीजेएम प्रथम की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। मधु दुबे का आरोप है कि सारनाथ क्षेत्र स्थित एक होटल के कमरे में उनकी बेटी आकांक्षा की हत्या की गई। सारनाथ थाने की पुलिस ने उनकी तहरीर को बदलवा कर हत्या की जगह आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। घटना के संबंध में उनका पूरा बयान नहीं दर्ज किया गया। अधिवक्ता शशांक ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें पूरा विश्वास है कि आकांक्षा दुबे की मौत के मामले की जांच न्यायोचित तरीके से होगी। भदोही जिले के चौरी बाजार क्षेत्र के बरदहा गांव की रहने वाली आकांक्षा दुबे बीते 26 मार्च की सुबह सारनाथ क्षेत्र स्थित एक होटल के कमरे में मृत पड़ी मिली थीं। आकांक्षा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में समर सिंह और संजय सिंह जिला जेल में बंद हैं। पांच दिन के कस्टडी रिमांड में पुलिस ने समर सिंह से कई सवाल पूछे। पुलिस टीम के अनुसार, पूछताछ और कागजातों को खंगालने के बाद कई तथ्य सामने आए। यह सामने आया है कि आकांक्षा और समर ने भोजपुरी के 25 म्यूजिक एलबम और एक फिल्म में साथ काम किया था। इसके लिए समर की ओर से आकांक्षा को नियमित भुगतान किया जाता था। पुलिस के अनुसार, ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि समर पर आकांक्षा का कोई बड़ा बकाया था।