बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मोबाइल टावर की चोरी पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग भी इस बात से चकित हैं कि आखिर मोबाइल का टावर कोई कैसे चुराकर ले जा सकता है।इस मामले में अब शक की सुई मकान मालिक और कंपनी के कर्मचारियों पर ही है।
सदर थाने के गोबरसही श्रमजीवी नगर स्थित मोबाइल टावर चोरी मामला पुलिस की प्रारंभिक जांच में संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। सदर थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि मोबाइल कंपनी के कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं। मोबाइल टावर कंपनी के अधिकारी मो. शहनबाज अनवर से कंपनी के पूर्व के कर्मियों का रिकार्ड मांगा है। इनका मोबाइल नंबर व आधार कार्ड की भी मांग की है। घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस को ये रिकार्ड नहीं मिले हैं।
श्रमजीवी नगर की मनीषा कुमारी व उसके स्वजन भी पुलिस के समक्ष नहीं आ रहे हैं, जिनके परिसर में टावर लगाया गया था। पुलिस मनीषा और उसके स्वजन का बयान दर्ज करना चाहती है, लेकिन सामने नहीं आने से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में चोरी की घटना में मकान मालिक और स्वजन की संलिप्तता की संभावना बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि श्रमजीवी नगर इलाके में मनीषा कुमारी के घर के परिसर में जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी की ओर से मोबाइल टावर लगाया गया था। कुछ वर्षों से टावर बंद था। पिछले दिनों जब कंपनी के लोग निरीक्षण करने पहुंचे तो पता चला कि टावर अपनी जगह से गायब है। साथ में शेल्टर, डीजल जनरेटर, एसएमपीएफ, स्टेबलाइजर आदि सामान भी चोरी हो गई। सभी सामानों की कीमत साढ़े चार लाख रुपये से अधिक है।
छानबीन के क्रम में पुलिस को पता चला कि कुछ माह पूर्व कई लोग वहां आए थे। कंपनी का कर्मचारी बताकर टावर समेत अन्य सामान खोलकर ले गए। उनका कहना था कि टावर बंद हो गया है और अब इसे फिर से शुरू नहीं किया जाएगा। उन लोगों ने टावर के सभी पार्ट-पूर्जे खोल दिए और पिकअप में भरकर अपने साथ ले गए।